मुंबई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बुधवार की रात एक होटल में आग लग गई। इस होटल में कोरोना योद्धा डॉक्टरों को रखा गया था। जब आग लगी तब सभी डॉक्टर कमरों में 28 डॉक्टर सो रहे थे। हालांकि समय रहते फायर ब्रिग्रेड की गाड़ियां पहुंचीं और सभी डॉक्टरों को सुरक्षित होटल से निकाल लिया गया। इस घटना के बाद होटल प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिसकी जांच पुलिस कर रही है।

जेजे अस्पताल के करीब 40 डॉक्टरों को मुम्बई के मरीन लाइन स्थित फॉर्चून होटल में रखा गया था। बुधवार को इन 40 डॉक्टरों में से 12 डॉक्टर नाइट शिफ्ट के लिए अस्पताल गए थे। बाकी डॉक्टर होटल के कमरों में सोने चले गए। रात करीब 9 बजे अचानक होटल की लाइट चली गई। चारो तरफ अंधेरा था।

इधर-उधर भागने लगे डॉक्टर
अंधेरे में कुछ डॉक्टरों की नींद टूट गई तो कुछ सोते रहे। किसी की कुछ समझ में आता उसी दौरान होटल में धुआं भरने लगा। होटल के अंदर अफरातफरी मच गई। पता चला कि होटल में आग लग गई है। डॉक्टर इधर-उधर भागने लगे।

स्थानीय लोगों ने शुरू किया रेस्क्यू
आग लगता देख कुछ स्थानीय लोग आगे आए। फायर ब्रिग्रेड को सूचना दी गई। स्थानीय लोगों ने डॉक्टरों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। अधिकांश डॉक्टरों को बाहर सुरक्षित निकाला गया। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी भी पहुंच गए, होटल की चौथी मंजिल पर 3 से 4 डॉक्टर फंसे हुए थे जिन्हें फायर ब्रिगेड के कर्मचारियो ने सुरक्षित रेस्क्यू किया।

सीढ़ियों से कमरों की तरफ बढ़ रही थी आग
वहीं फायर ब्रिगेड के अधिकारी के मुताबिक होटल के अंदर की सीढ़ी में आग लगी थी, जो धीरे-धीरे बढ़ रही थी। साथ ही धुआं भी काफी हो रहा था। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने घटनास्थल पर पहुंच कर आग को काबू में किया और अंदर फंसे हुए डॉक्टर को भी सुरक्षित बाहर निकाला।

पुलिस ने शुरू की जांच
आग कैसे लगी, अब इसकी जांच की जा रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि जिस होटल में आग बुझाने का कोई सिस्टम न हो ऐसे होटल में इन डॉक्टर्स को कैसे रखा गया, जो दिन रात अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की जान बचा रहे हैं।

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