भोपाल। हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप के बाद निर्मम तरीके से की गई हत्या ने देश को झकझोर कर रख दिया है।इस घटना के बाद एक बार फिर निर्भया काण्ड की यादें ताजा कर दी है। देश के लोगों में भारी आक्रोश है और लोग सडकों पर निकलकर प्रदर्शन कर रहे है। इस बडी घटना को लेकर पूरे देश की तरह मध्यप्रदेश के भोपाल में पदस्थ एम महिला पुलिस अधिकारी भी आीत है। महिला पुलिस अधिकारी ने अपने फेसबुक पेज पर समाज के नाम एक अपील जारी की है।
मध्यप्रदेश के भोपाल में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी पल्लवी त्रिवेदी भोपाल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक है। पल्लवी त्रिवेदी ने अपने फेसबुक पर पल्लवी ने लिखा है- कल निर्भया थी, आज प्रियंका और निर्भया से प्रियंका के बीच हजारों लडकियाँ बलात्कार का शिकार हुईं। चुनिंदा केस ही चर्चा में आये बाकी दूर दराज के कस्बों के केस लोकल समाचार पत्रों की एक कॉलम की खबर बन कर रह गए। लोग व्यथित हुए,दो चार दिन जिक्र चला और फिर रोज-मर्रा को जिंदगी शुरू हो गयी।
लेकिन हर घटना के बाद हमने पेरेंट के रूप में, वयस्क लडकी के रूप में, जिम्मेदार पडोसी और नागरिक होने के नाते क्या कदम उठाए जिससे कि हमारे आसपास की लडकी के साथ यह जघन्य घटना न हो सके?
यदि उठाये भी तो ये नाकाफी थे।
आज मैं एक लडकी, एक नागरिक और एक पुलिस अधिकारी होने के नाते कुछ प्रिवेंटिव एक्शन व जरूरी कदम सभी को सजेस्ट करना चाहती हूं , जो हर हालत में हर लडकी और उनके परिजनों तक पहुंचें।
1- नाबालिग लडकियों के केस में पेरेंट्स और स्कूल प्रबंधन की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी होती है। नासमझ बच्ची अपने साथ हुई घटना को न ठीक से समझ सकती है और न बता सकती है। इसलिए हर वक्त उसे सुरक्षित निगरानी में रखना बेहद जरूरी है। खासकर पुरुष स्टाफ जैसे ड्राइवर, सर्वेंट, रिश्तेदार, ट्यूशन टीचर वगेरह के साथ अकेला न छोडें और न ही उनसे बच्ची के कपडे बदलने या नहलाने जैसे कार्य कराएं।
उसे तीन साल की उम्र से ही अच्छे और खराब स्पर्श की ट्रेनिंग दें। इसे अपने मौलिक कर्तव्य की तरह निभाएं।
2- आठ साल की उम्र में बच्ची को अश्लील हरकतों और रेप का अर्थ समझा दें। बार बार समझाएं जिससे उसे इसकी समझ पैदा हो जाये और अकेले असुरक्षित जाने के खतरों से लगातार आगाह करते रहें। उसे बताएं कि कोई पुरूष अगर अश्लील इशारे करे, पोर्न वीडियो भेजे या दिखाने की कोशिश करे, उसके सामने अपना लिंग छुए या दिखाए या मास्टरबेट करे तो फौरन आकर पेरेंट्स को बताए। यही हरकतें उसके पोटेंशियल बलात्कारी होने का लक्षण हैं। और वो आपसे ये सब शेयर कर सके इसके लिए उसके दोस्त बनिये। डांट डपट करके उसे ये बातें बताने से हतोत्साहित न करें।
3- किशोर लडकियों को अकेले निकलने से न रोकें किंतु उसे जरूरी सेफ्टी मेजर्स के बारे में बताएं। उसके साथ रेप के केसेस डिस्कस करें और उसके मोबाइल में वन टच इमरजेंसी नम्बर रखें जो आवश्यक रूप से पुलिस का ही हो। उसके बाद वह परिजनों को कॉल कर सकती है। स्प्रे, चाकू ,कैंची, सेफ्टी पिन, मिर्च पाउडर उसके बैग में अनिवार्य रूप से रहे। यह आदत जितनी जल्द विकसित कर दें ,उतना बढिया। इसका डेमो देकर उसे ट्रेंड करवा दें। रिहर्सल आवश्यक है अन्यथा हथियार होते हुए भी घबराहट में उसका उपयोग नहीं हो पाता।
4- वयस्क लडकियां भी पर्स में ऊपर बताए हुए हथियार अनिवार्य रूप से रखें व जरूरत पडने पर बिना घबराए उनके इस्तेमाल में कुशल हो। इन हथियारों के साथ एक तेज आवाज वाली सीटी रखें। अपराध के वक्त तेज शोर से अक्सर अपराधी भाग जाते हैं। अगर कोई ऐसी डिवाइस हो या बन सकती हो जो एक बटन दबाते ही इतना तेज विशेष आवाज का सायरन बजाए जो आसपास के सारे क्षेत्र में गूंज जाए और जिसकी आवाज को सिर्फ रेप होने की आशंका के रूप में यूनिवर्सल साउंड माना जाए तो कृपया इसकी जानकारी दें और अगर नहीं है और कोई व्यक्ति या कम्पनी इसे बना सकती है तो इसे सभी नागरिकों की तरफ से मेरा आग्रह मानकर बना दे। यह बेहद प्रभावी सिद्ध होगी।
5-पुलिस कंट्रोल रूम व किसी भी पुलिस अधिकारी का नम्बर हमेशा अपने पास रखें। और सबसे पहले उन्हें डायल करें। पुलिस की छवि आपके मन में जो भी हो पर याद रखें कि महिलाओं के अपराधों में पुलिस बेहद तत्परता से काम करती है व आपकी सबसे निकट का पुलिस वाहन शीघ्र आपके पास पहुंच जाएगा। पुलिस एप अपने मोबाइल में रखें व अपनी लोकेशन भेजें। अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर स्टाफ व अधिकारियों से परिचय करें। पुलिस वाकई आपकी दोस्त है। यह आप महसूस करेंगी।
6- मैं चाहती हूँ कि लडकियों के लिए यह देश और दुनिया इतनी सुरक्षित हो कि वे आधी रात को भी बेखटके सडकों पर घूम सकें लेकिन यथार्थ इतना सुंदर नहीं है। इसलिए अकेले देर रात सूनी सडकों पर आवश्यकता होने पर ही निकलें। पुलिस हर कदम पर आपके साथ तैनात नहीं हो सकती । और अपराधी व दरिंदे लडकों को रातों रात सुधारा नहीं जा सकता। इसलिए क्लब या पार्टी से देर रात लौटें तो अपनी सुरक्षा का ध्यान पहले रहे। कैब या टैक्सी करने पर तुरंत लाइव लोकेशन घरवालों को दें व उसका फोटो भी भेजें। यह बात उस ड्राइवर को भी मालूम हो।
7- एक महत्वपूर्ण बात यह कि अगर अपराधी अकेला है तो उसे हैंडल किया जा सकता है। अगर वह रेप अटेम्प्ट करता है तो बिना घबराए उसके टेस्टिकल्स हाथों से पकडकर जितनी मजबूती से हो सके, दबा दें।इससे वह कुछ मिनिटों के लिए अशक्त हो जाएगा और लडकी को बच निकलने का या उस पर आक्रमण करने का वक्त मिल जाएगा। गैंग रेप की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में लडकी जरूर बेबस हो सकती है मगर ऐसे में पुलिस को त्वरित सूचना मदद करेगी।
8- मार्शल आर्ट या अन्य कोई सुरक्षात्मक आक्रमण कला सिखाना अपनी बच्चियों के लिए जव कव लिस्ट में अनिवार्यतः शामिल कर लें ।
9- बच्चों की सही काउंसलिंग और अपराधों से बचाव के उपाय आप न जानते हों तो बेझिझक पुलिस थाने या किसी एन जी ओ की मदद लें। आपके स्कूल, क्लास, कोचिंग, मोहल्ले में आकर आपके लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित हो जाएगा।
10- सबसे महत्वपूर्ण बात सबसे अंत में ये कि समाज को स्त्रियों के लिए सुरक्षित बनाएं और इसके लिए अपने घरों के ,मोहल्ले के व समाज के लडकों को बचपन से ही शिक्षित करें। उनकी विकृत मानसिकता न हो इसके लिए अपने लडकों की गतिविधियों पर दस बारह साल की उम्र से नजर रखें। उसके मोबाइल पर,उसके दोस्तों पर ,उसकी आदतों पर लगातार नजर रखें व उससे लगातार बात करें। हर रेप घटना पर उससे चर्चा करें । उसे संवेदनशील बनाएं और स्त्रियों के प्रति सम्मान करना सिखाएं। यह शिक्षा अमीरी, गरीबी, धर्म, जाति, क्षेत्र के भेद से परे हर माँ बाप को अपने लडकों को देनी होगी। अगर पेरेंट्स खुद अनपढ व जागरूक नहीं हैं तो जिम्मेदार नागरिक अपने आसपास के क्षेत्रों में, स्कूलों में लडकों के लिए समय समय पर ऐसे सेशन आयोजित कर सकते हैं । इसके साथ ही लडकों में अपराध के दंड के विषय में भी भय जागृत करें। अगर कोई लडका आपके परिवार अथवा आस पडोस में सेक्समेनियक है तो उसे सायकायट्रिस्ट को दिखाएं। उसे वयस्क होने के बाद म्युचुअल कंसेंट से सेक्स के बारे में समझाएं । यदि कोई आवारा ,शराबी लडके आपकी नजरों में हों तो जरूर पुलिस को खबर करें
यह सब आज करना शुरू करेंगे तो रातों रात कुछ नहीं बदलेगा लेकिन लगातार प्रयासों से असर जरूर दिखेगा। क्योंकि कोई परिवार नहीं जानता कि अगली बार किसके घर की स्त्री इस हादसे की शिकार होगी। प्लीज इसे बेहद बेहद गम्भीरता से लें। अगर आप ये सब कर रहे हैं तो कृपया अपना फर्ज समझकर दूसरों को भी समझाएं। स्त्रियों के लिए एक बेहतर समाज बनाने में हम सब की आहुति लगेगी। प्रदर्शन करें, धरने दें,कडी सजा की मांग करें, केंडल मार्च करें लेकिन खुद के कर्तव्य नहीं भूलें।
प्लीज इसे अधिक से अधिक शेयर करें, कॉपी करें, इसमें कुछ जोडना चाहें तो जोड दें, लेकिन ज्यादा से ज््यादा लोगों तक इसे पहुंचाएं।
ये बेहद जरूरी है। हम यूँ सिर्फ क्षोभ में भरे व्यथित होकर बैठे नहीं रह सकते। मैं इसे बार बार पोस्ट करूंगी । हम प्रियंका को भूल नहीं सकते। कभी नहीं।
—–पल्लवी त्रिवेदी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, भोपाल