जबलपुर ! सीबीआई की विशेष न्यायाधीश योगेश चन्द्र गुप्ता की अदालत ने 12 साल पुराने मामले में टीआई सहित 6 पुलिस कर्मियों को तीन-तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुना दी। साथ ही दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। मामला पन्ना जिले के पवई थाने से संबंधित था।
अभियोजन की ओर से वरिष्ठ लोक अभियोजक एचएम परमार ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पवई थाने के तत्कालीन टीआई आरके बुंदेला, प्रधान आरक्षक बैजनाथ मिश्रा, ड्रायवर लक्ष्मीनारायण रजक, आरक्षक बैजल पसाना, उमरराज पटैल और गोकुल प्रसाद दीवान ने 27, 28 और 29 अक्टूबर 2004 को चोरी के आरोप में क्रमश: संत कुमार, रामगणेश और आनंदीलाल को गिरफ्तार किया। पुलिस कस्टडी में 6 आरोपी पुलिसवालों तीनों आरोपियों को उंगली में तार बांधकर करंट लगाकर प्रताडि़त करते थे। इस वजह से आनंदीलाल की मौत हो गई। जबकि शेष दो को अदालत में पेश किया गया। यह मामला लंबे समय तक आनंदीलाल की रहस्यमय गुमशुदगी में उलझा रहा। हाईकोर्ट में बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका दायर होने पर तत्कालीन न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की बेंच ने सीबीआई जांच के निर्देश जारी किए। पुलिसवाले लगातार आनंदी के गुमशुदा होने पर बल देते रहे। जांच में आनंदी की मृत्यु हो चुकने की बात सामने आई।