ग्वालियर। हिंदू महासभा ने दौलतगंज स्थित अपने दफ्तर को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाकर मंदिर बना दिया। मंदिर में मूर्ति की आरती भी उतारी गई।
यहां बता दें कि आज ही के दिन (15 नवंबर 1949) गोडसे को अंबाला जेल में फांसी दी गई थी। हिंदू महासभा ने इसे बलिदान दिवस के रूप में मनाया। गोडसे ने ही 1915 में इस महासभा की स्थापना की थी। हिंदू महासभा के नेता बुधवार सुबह दौलतगंज स्थित अपने ऑफिस में जुटे। वहां गोडसे की प्रतिमा स्थापित कर उसकी आरती उतारी। इसके बाद लड्डू का प्रसाद बांटा गया।
महासभा के राष्ट्रीय नेता जयवीर भारद्वाज ने बताया कि महासभा की ओर से गोडसे का मंदिर बनाने की कलेक्टर से इजाजत मांगी गई थी, जो अभी तक नहीं मिली। ऐसे में महासभा ने ऑफिस को ही मंदिर का रूप दे दिया है। भारद्वाज के मुताबिक, गोडसे जब भी ग्वालियर आते थे, वे इसी ऑफिस में रुकते थे। ऐसे में अब इसे मंदिर का रूप दे दिया गया है।
यहां बताना मुनासिब होगा कि 30 जनवरी, 1948 की शाम सवा पांच बजे नाथूराम गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला भवन में गांधी जी के सीने में बैरेटा पिस्टल से तीन गोलियां दाग दी थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी। उस वक्त गांधी जी शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे।

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