पन्ना ! डेंगू का डंग जिले में इतना हावी हो रहा है कि अब इसकी जद में हर आम और खास आ रहे हैं। जिले में डेंगू से अब तक कई लेागों की मौत हो चुकी है और रोकथाम के लिये कोई प्रभावी इंतेजाम नहीं दिखाई दे रहे। जिले में डेंगू से मौत का एक और मामला सामने आया है। बीती रात दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में चार दिनों से डेंगू से लड़ रहीं अर्पणा शुक्ला की मौत हो गई।
विदित हो कि अर्पणा शुक्ला जिले के गुनौर विकासखण्ड अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला कमलपुरा में अध्यापक के रूप में पदस्थ थीं। जबकि उनके पति आनंद शुक्ला जिले की पवई जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। बताया जाता है कि अर्पणा शुक्ला विगत एक सप्ताह पूर्व बीमार हुई और उपचार के लिये अपने गृह जिले छतरपुर चलीं गई। जहां उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। परिजनों ने उन्हें तत्काल झांसी पहुंचाया। जहां शरीर में लगातार हो रही खून की कमी के चलते डेंगू की आशंका जताई गई। झांसी में ही अर्पणा को डेंगू होने की पुष्ट हुई, इसके बाद उन्हें तत्काल दिल्ली के लिये रवाना किया गया। जहां मैक्स हॉस्पिटल में उनका उपचार प्रारंभ हुआ। जहां चार दिनों तक चले उपचार में भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली और आज सुबह 8 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। अर्पणा शुक्ला के शव को दिल्ली से छतरपुर लाया जा रहा है। जहां उनका मंगलवार को अंतिम संस्कार किया जायेगा। गौरतलब है कि जिले में डेंगू की मौत का यह मामला नहीं हैं। हाल ही में देवेन्द्रनगर के बड़वारा के युवक एवं सहित पवई क्षेत्र के एक ग्राम से महिला की मौत हो चुकी थी। लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग इसे नकार रहा है। डेंगू की रोकथाम के नाम पर अभी तक जिले में सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही हो रही है। जिससे लोगों को दहशत है।

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