ग्वालियर । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के मार्गदर्शन में उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में शनिवार को नेशनल लोक अदालत आयोजित हुई। नेशनल लोक अदालत में 355 प्रकरणों का निराकरण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। साथ ही मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीड़ित पक्षकारों को एक करोड़ 33 लाख 42 हजार रूपए की राशि अतिरिक्त क्षतिधन के रूप में दिलाई गई।
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ न्यायमूर्ति श्री शील नागू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर एवं माँ सरस्वती को माल्यार्पण कर किया गया। उच्च न्यायालय खण्डपीठ में लगी नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिये आधा दर्जन न्यायपीठ गठित की गईं थीं। नेशनल लोक अदालत में न्यायाधिपति श्री राजेन्द्र महाजन एवं सीनियर एडवोकेट श्री एन पी द्विवेदी, न्यायाधिपति श्री एस ए धर्माधिकारी व सीनियर एडवोकेट श्री व्ही के भारद्वाज, न्यायाधिपति श्री आनंद पाठक व सीनियर एडवोकेट श्री के एन गुप्ता, न्यायाधिपति श्री ए के जोशी व सीनियर एडवोकेट श्री के बी चतुर्वेदी, न्यायाधिपति श्री विवेक अग्रवाल व सीनियर एडवोकेट श्री जे डी सूर्यवंशी तथा न्यायाधिपति श्री एस के अवस्थी व सीनियर एडवोकेट श्री आर के शर्मा की न्यायपीठों द्वारा दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया।
अवर सचिव उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम अपील के 146, कंटेम्ट पिटीशन के 144, सिविल रिवीजन के 2, एमसीसी के 46, द्वितीय अपील के 3, डब्ल्यूपी के 6, क्रिमिनल अपील के 3, क्रिमिनल रिवीजन के 4 व एमसीआरसी के एक प्रकरण का निराकरण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 355 प्रकरणों का निपटारा किया गया।