जबलपुर। वर्तमान और पूर्व सांसद-विधायकों के विरुद्ध न्यायालय में लम्बित प्रकरणों की जानकारी एकजाई कर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने निर्देश जारी किए गए हैं। मामला विगत 16 सितम्बर को इस सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी राज्य के हाईकोर्ट को जारी किए गए दिशा-निर्देश से जुड़ा  है। इसके चलते मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार सहित स्वयं हाईकोर्ट प्रशासन को भी नोटिस जारी कर यह जानकारी तलब की है।

एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सुजॉय पॉल की डिवीजन बेंच ने यह आदेश जारी करते हुए इस जानकारी में उन प्रकरणों को भी शामिल करने कहा है जिसमें स्टे आॅर्डर भी जारी है। हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार सहित हाईकोर्ट प्रशासन से यह भी पूछा है कि इन प्रकरणों की तेज गति से सुनवाई कैसे की जा सकती है। हालांकि सरकारों की ओर से कोर्ट को यह बता दिया गया है कि ऐसे मामलों की अलग से सुनवाई करने भोपाल में एक फास्ट ट्रेक कोर्ट का गठन पहले ही कर दिया गया है, साथ ही जहां पर भी आवश्यकता है वहां-वहां लोक अभियोजक की नियुक्ति कर दी गई है। फिलहाल हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई हेतु 6 नवम्बर की तारीख मुकर्रर कर दी है।

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