भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसी भी प्रदेश के मजदूर हों, वे हमारे भाई-बहन हैं, हम हर मजदूर को उसके घर पहुँचाएंगे तथा हर मजदूर को काम दिलाएंगे। प्रदेश में अभी तक 4 लाख 82 हजार से अधिक मजदूरों को घर वापस पहुँचाया गया है। वहीं दूसरे प्रदेशों के मजदूरों को राज्य की सीमा तक छोड़ने के साथ ही उनके लिए अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सर्वप्रथम प्रदेश के दूसरे जिलों में फंसे मजदूरों को उनके गृह जिलों में पहुँचाया गया। फिर विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए मजदूरों को प्रदेश में लाने का कार्य किया गया। पहले बसों के माध्यम से मजदूर प्रदेश आए उसके बाद केन्द्र सरकार की सहायता से ट्रेन चलीं और ट्रेन से भी मजदूर आने लगे। अभी तक इस कार्य में 115 ट्रेन और हजारों बसें लगाई गई हैं। रेल से करीब एक लाख 44 हजार एवं बस से लगभग 3 लाख 38 हजार श्रमिक वापस आए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित होने से यहां से होकर एक प्रदेश के मजदूर दूसरे प्रदेशों को जा रहे थे। जब देखा कि कई मजदूर पैदल ही जा रहे हैं तो हर जिले के कलेक्टर को निर्देशित किया गया कि तुरंत ऐसे मजदूरों को बसों आदि के माध्यम से राज्य की सीमाओं तक छुड़वाया जाए। साथ ही उनके चाय, नाश्ते, भोजन-पानी का भी इंतजाम किया गया। इस कार्य में समाजसेवी संगठनों, जनता ने भी पूरी मानवता का परिचय देते हुए मजदूरों की सेवा की। जिनके पास जूते-चप्पल नहीं थे उन्हें जूते-चप्पल पहनाएँ गए।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार हर मजदूर को कार्य दे रही है। प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत बड़ी संख्या में मजदूरों को कार्य दिया गया है। जिन मजदूरों के जॉब कार्ड नहीं हैं, उनके जॉब कार्ड बनवाए जा रहे हैं। साथ ही उनकी कुशलता के अनुसार उन्हें विभिन्न उद्योगों, व्यवसायों, निर्माण कार्यों में कार्य दिलाया जाएगा। हर मजदूर को नि:शुल्क राशन की व्यवस्था भी की गई है।
आज तक गुजरात से एक लाख 98 हजार, राजस्थान से एक लाख 5 हजार, महाराष्ट्र से एक लाख 10 हजार श्रमिक वापस लाये गये हैं। इसके अलावा गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु एवं तेलंगाना से भी श्रमिक आए हैं। प्रतिदिन विभिन्न प्रदेशों से मध्यप्रदेश की सीमा पर 20 से25 हजार लोग पैदल आ रहे हैं। सभी को बसों के माध्यम से राज्य की सीमा पर भिजवाया जा रहा है।
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