भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा ली गई वीसी में कहा कि राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। केन्द्र द्वारा लक्ष्य को वर्ष 2024 के स्थान पर वर्ष 2023 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, तद्नुसार योजना का पुनर्निधारण कर मिशन मोड में कार्य किया जाएगा। मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव तथा अन्य संबंधित उपस्थित थे।
केन्द्र सरकार देगी 1280 करोड़ रूपए
वीसी में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि जल-जीवन मिशन के अंतर्गत अब वर्ष 2023 तक निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया जाना है। इस वर्ष केन्द्र सरकार मिशन के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश को 1280 करोड़ रूपए का बजट देगी। इतनी ही राशि राज्य सरकार मिलाएगी। इसके साथ इस बार मध्यप्रदेश को लगभग 6500 करोड़ रूपए मनरेगा के अंतर्गत प्रदाय किए जाएंगे। मनरेगा में 65 प्रतिशत राशि जल संबंधी कार्यों के लिए खर्च की जानी है अत: इसमें से भी कुछ राशि का उपयोग जल जीवन मिशन के लिए किया जा सकता है।
103 लाख परिवारों को नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में घर पर नल के माध्यम से जल प्रदाय से शेष लगभग 85 प्रतिशत (103.67 लाख) परिवारों को एफएचटीसी (फंक्शनल हाऊसहोल्ड टैप कनेक्शन) के माध्यम से वर्ष 2023-24 तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है।
गत 9 माह में अपेक्षित प्रगति नहीं
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2012 में जल निगम का गठन किया गया था, जिसके द्वारा समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल जीवन मिशन शुरू किए जाने के बाद लगभग 9 माह व्यतीत हो गए हैं परंतु प्रदेश में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है। कार्य को गति देने के लिए प्रदेश में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन बनाया जाकर उसके अंतर्गत अपेक्स समिति एवं एग्जीक्यूटिव समितियों का गठन कर लिया गया है।
लेन-देन केलिए सिंगल नोडल एकाउंट
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार के दिशा निर्देश अनुरूप मिशन के लेन-देन के लिए सिंगल नोडल एकाउंट खोले जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। साथ ही मिशन के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक संस्थाओं के एम्पैनलमेंट की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। पूर्व से स्थापित तथा वर्तमान में प्रचलित योजनाओं के रेट्रोफिटिंग का कार्य तुरंत प्रारंभ किया जाएगा।
321 गुणवत्ता प्रभावित गाँवों में शुद्ध पेयजल इसी वर्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुल 321 गुणवत्ता प्रभावित गाँवों में शुद्ध पेयजल इस वर्ष के अंत तक उपलब्ध करवा दिया जाएगा। वर्ष 2020-21 की प्रस्तावित कार्ययोजना में अधिक से अधिक अजा-अजजा बाहुल्य गाँवों में कार्य प्रारंभ कराए जाएंगे। सांसद आदर्श ग्राम तथा आकांक्षी जिलों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
805 गाँवों में एक लाख 31 हजार नल कनेक्शन (एफएचटीसी)
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जल निगम द्वारा 1231 करोड़ की 19 समूह योजनाओं को पूरा कर लिया गया है, जिनके माध्यम से प्रदेश के 805 गाँवों में 1 लाख 31 हजार से अधिक क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान किए गए हैं। जल निगम के अंतर्गत वर्तमान में 39 समूह योजनाओं में 8 हजार 375 करोड़ रूपए के कार्य प्रगति पर हैं।
चालू वर्ष में 5.45 लाख तथा अगले वर्ष में 7.84 लाख कनेक्शन
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 3 हजार करोड़ की लागत की योजनाओं से 5 लाख 45 हजार एफएचटीसी कनेक्शन तथा वर्ष 2021-22 में 2 हजार करोड़ की लागत की योजनाओं से 7 लाख 84 हजार एफएचटीसी प्रदान किए जाएंगे।
जहां भू-जल स्त्रोत नहीं है, वहां भी कनेक्शन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जिन क्षेत्रों में भू-जल की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है, वहां सतही स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली गई है। इन कार्यों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत कराया जाएगा।
जल प्रयोगशालाओं का एन.ए.बी.एल. प्रमाणीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि नल-जल योजनाओं के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता का पेयजल गाँव में मिल सके इसके लिए जिलों की जल प्रयोगशालाओं का चरणबद्ध तरीके से एन.ए.बी.एल प्रमाणीकरण करवाया जाएगा।
क्या है जल जीवन मिशन
भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शत-प्रतिशत परिवारों को अच्छी गुणवत्ता का पेयजल निरंतर एवं पर्याप्त मात्रा में प्रदाय कराने के लिए जल जीवन मिशन प्रारंभ किया गया। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को की। मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से 55 लीटर शुद्ध पानी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाना निर्धारित किया गया। अब इस लक्ष्य को पूर्ण करने की समय-सीमा वर्ष 2023 कर दी गई है।