ग्वालियर। केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज स्पष्ट किया कि हम युद्ध के रास्ते पर चलना नहीं चाहते, लेकिन उसके बाद भी हमारी सेनाएं सभी परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन गुरूवार को ग्वालियर स्थित महाराजपुरा एयर बेस के निरीक्षण के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहीं थीं। उनके साथ सेन्ट्रल कमांड के एओसी एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा तथा महाराजपुरा के एयर कमोडोर एचए राठेर भी मौजूद थे। रक्षामंत्री ने बताया कि उनके द्वारा रक्षा मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद से उन्होंने वायुसेना, जलसेना और सेना के चाहे अगली पंक्ति के जवान से लेकर अधिकारियों से मिलने की कोशिश कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि वाराणसी में कन्टोन्मेंट क्षेत्र के ओडीएफ का प्रमाणपत्र देने के कार्यक्रम के बाद उन्होंने महाराजपुरा स्थित एयरबेस का दौरा कार्यक्रम बनाया था। उन्होंने बताया कि महाराजपुरा एयरबेस पर उन्होंने थोडे समय में जो देखा वह बहुत ही सराहनीय है। यहां पर उन्हें अनेक स्थानों पर लेजाकर वायुसेना की कुशलता को देखने का अवसर मिला।
उन्होंने बताया कि यहां के प्रशिक्षण सेलेकर सभी कार्यक्रम बहुत ही बेहतर तरीके से चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी मंशा है कि वह केवल योजनाओं एवं कागजी कार्रवाई में ना उलझी रहें वह जहां सेना के लोग काम करते हैं वहां जाकर उनसे मिलें जवानों से लेकर अधिकारियों तक से बात करें। उन्होंने बताया कि ग्वालियर स्थित एयरबेस पर तरह तरह के एयर क्राफ्ट भी उन्हें दिखाए गए उनके उनके रिपेयर से लेकर रख रखाव आदि सुविधा को देखा तो उन्हें लगता है कि ग्वालियर इसमें अनुकूल खरा उतरता है। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में उन्होंने एयर क्राफ्ट के करतव सहित अन्य गतिविधियां देखी उन्हें वह स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने रखेंगी।
महिलाओं की सीमा पर तैनाती के बारे में पूछे प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह विषय बहुत चर्चा में रहा है। अभी तक उन्होंने इसकी फाइल को नहीं देखा है। वह सभी से ब्रीफिंग, इनपुट लेकर अध्ययन करूगी इसके बाद ही कुछ कह सकूंगी। उन्होंने कहा कि आप सभी महिलाओं को फ्रंट पर देखना चाहते हैें लेकिन आज महिलाएं डिफेंस मिनिस्ट्री, डीआरडीओ से लेकर मैरे दौरे के समय बाडमेर से लेकर गोवा तक दिखाई दी है। अब फ्रंट की कमान देना इसके बारे में आगे क्या फैसला होगा अध्ययन के बाद ही बता सकूंगी।
अमेरिका से आई होवित्जर तोप अपने पहले परीक्षण में असफल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कोई भी जबाब यह कहते हुए नहीं दिया कि इस बारे में उन्हें अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। विश्व में फैले आतंकवाद और विदेशी तकनीक से देरी उसके बाद हाल ही में फ्रांस से रक्षा सौदे के तहत आधुनिक लडाकू विमान राफेल के बारे पूछे प्रश्र के उत्तर में निर्मला सीतारमन ने कहा कि कि इंडियन ओशियन और हिमालय पर एक चुनौती भरा काम है। उन्होंने बताया कि राफेल आ जाएगा हमारी तरफ से उस दिशा में कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि कल शाम को ही उनके पास फ्रांस की रक्षा मंत्री वह भी महिला हैं का शुभ संदेश देने फोन आया था। उन्होंने कहा कि फ्रांस से हमारा अच्छे सहयोगात्मक संबंध है। अनुबंध के तहत राफेल भी आएगा।
समान वेतनमान को लेकर उन्होंने कहा कि यह विषय उनके सामने आया है। वह इस पर विचार करेंगी। उन्होंने फिर दोहराया कि प्रधानमंत्री की मंशा है कि सेना के सभी लोगों जवानों से लेकर अधिकारियों को पूरी सुविधा मिलना चाहिए। उनका ध्यान अब हम और बेहतर तरीके से रखेंगे। एलओसी पर पाक की तरफ से घुसपैठ की कोशिश और फायरिंग अगले वर्ष चुनाव हैं के बारे में पूछे एक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि चुनाव को छोड दें, हम सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाने पडेंगे उठा रहे हैं। पिछले एक दो साल में जो गतिविधयां बढी उसके बारे में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय मिलकर बात कर कैसे समाधान निकालें कार्रवाई करते हैं। आतंकवादियों को समाप्त करने में अब सेना को सफलता मिल रही है। घटनाएं जरूर हो रहीं हैं, लेकिन कैसे कम से कम नुकसान हमें हो उसके पहले से कदम उठाए जा रहे हैं। निर्मला सीतारमन ने कहा कि सीमा संबंधी मैटर काम्प्रीहेन्सिव तरीके से निबटाएंगे।