भोपाल। हनी ट्रैप से जुडे मानव तस्करी मामले में शनिवार को भोपाल में मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव की कोर्ट में सीआईडी ने चालान पेश किया। इसमें आरोपी श्वेता विजय जैन, आरती दयाल, मोनिका यादव के अलावा रूपा और बरखा सोनी का भी नाम है। चालान के मुताबिक श्वेता की इस गैंग ने आईएएस अफसर पीसी मीणा से 20 लाख रुपए और एक अन्य आईएएस से एक करोड रुपए वसूले थे। दोनों अफसरों के इन महिलाओं के साथ अंतरंग वीडियो थे, जिनके दम पर महिलाओं ने इनसे उगाही की। चालान में दो सीनियर सरकारी अफसर हरीश खरे और अरुण निगम के अंतरंग वीडियो की भी जानकारी है।

इसमें बताया गया है कि आरोपी मोनिका की अभिषेक सिंह से फोन पर बातचीत के दौरान दोस्ती हुई थी। बाद में अभिषेक ने ही मोनिका को मिनाल रेसीडेंसी निवासी श्वेता विजय और आरती दयाल से मिलवाया था। अभिषेक ने मोनिका को बताया था कि आरती दयाल उसकी भाभी है। वह एक एनजीओ चलाती हैं। वह तुम्हारी पढाई का खर्च उठाएंगी। आरती दयाल और श्वेता विजय जैन ने मोनिका यादव को पहली मुलाकात में ही अपने कारोबार के बारे में बता दिया था। दोनों ने मोनिका को यह भी समझाया था कि जो लोग हम जैसी औरतों का शोषण करते हैं, तो उनको ब्लैकमेल कर, उनसे पैसा लेना कोई गलत नहीं है।

आईएएस अफसर पीसी मीणा के साथ बनाया गया अश्लील वीडियो वायरल होने से श्वेता विजय जैन से आरती नाराज हो गई थी। इससे उनके बीच दूरियां भी बन गई थी।

आरती के साथ पहली बार मोनिका दो दिन के लिए फ्लाइट से जयपुर गई थी। श्वेता विजय जैन ने दोनों को एयरपोर्ट छोडा था। जयपुर जाने से पहले आरती ने मोनिका के अश्लील फोटो खींचकर राजेश गंगेले नाम के व्यक्ति को भेजे थे। जयपुर में दोनों के लिए होटल में कमरे गंगेले ने ही बुक कराए थे। जो होटल के टॉप फ्लोर पर लिफ्ट के पास थे।

जयपुर के होटल में आरती दयाल अैर मोनिका एक कमरे में रुके थे, जबकि दूसरे कमरे में गंगेले रुका था। अगले दिन सुबह 10 बजे गंगेले आरती के कमरे में पहुंचा और उसे कमरे से बाहर कर दिया। इसके बाद उसने मोनिका के कपडों से छेडछाड की थी। विरोध करने पर उसने आरती को अंदर बुलाकर अपने साथ दोनों के वीडियो बनाए थे। कमरे से बाहर निकलने के पहले गंगेले ने आरती को 50 हजार रुपए और मोनिका को 1 लाख रुपए दिए थे। जयपुर से लौटने के बाद आरती ने मोनिका से एक लाख रूपए ले लिए थे।

आरती और श्वेता विजय जैन ने एक आईएएस अधिकारी को ब्लैकमेल कर, उससे एक करोड़ रूपए लिए थे। मामले में भोपाल के पत्रकार गौरव शर्मा भी शामिल था। इस रकम में से आरती, श्वेता विजय जैन और गौरव शर्मा को 33-33 लाख रूपए का बराबर का हिस्सा मिला था।

पुलिस ने चालान में कोर्ट को बताया है कि श्वेता विजय जैन ही आरती दयाल को उन्हीं अधिकारियों से मिलवाती थी। जिन्हें वह पहले से जानती थी। श्वेता को पता रहता था कि कौनसा अधिकारी वीडियो बनाने से डर जाएगा और आसानी से रूपए दे देगा।
आरती, श्वेता विजय जैन और अभिषेक सिंह ने मोनिका को भोपाल के अच्छे कॉलेज में पढाने के बहाने और आर्थिक मदद कर बहला फुसलाकर सहमति के बिना दैहिक शोषण एवं ब्लैक मेलिंग के धंधे में किया था शामिल।
दैहिक शोषण और ब्लैक मेलिंग में श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा भटनागर पर भी शामिल होने का आरोप।
आरती दयाल ने मोनिका को दी थी धमकी कि पुलिस या किसी और को कुछ भी बताया तो उसके अफसरों के साथ बनाए गए संबंधों की वीडियो क्लीपिंग वायरल कर देंगे।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों से जब्त इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स को जांच के लिए 6 नवंबर 2019 को केंद्रीय न्यायालिक प्रयोगशाला हैदराबाद भेजा है, जहां से जांच रिपोर्ट 8 से 10 महीने में आएगी।

1 . श्वेता विजय जैन के पास से दो मोबाइल फोन, 14 लाख 70 हजार रुपए नगद, एक हार्ड डिस्क (160 जीबी), शासकीय दफ्तरों की मोहरें और दस्तावेज। पांच पेन ड्राइव, 47 लाख 60 हजार 500 रुपए नगद, 27 लाख 2 हजार 482 रुपए की सोने की ज्वेलरी, आईसीआईसीआई बैंक अशोका गार्डन शाखा के लॉकर से।

2. आरती पंकज दयाल के पास से तीन मोबाइल फोन, एक पेन ड्राइव, एक स्मार्ट फोन, दो कार्ड फोन, एक अन्य मोबाइल फोन, एक फर्जी आधार कार्ड, एक पेन ड्राइव, चार डायरियां, एक पॉकेट नोट बुक, सोने की ज्वेलरी (कीमत 1 लाख रूपए), 34 हजार 400 रुपए नगद। 13 लाख 98 हजार रुपए नगद एचडीएफसी बैंक इंद्रपुरी शाखा के लॉकर से।

3. श्वेता स्वप्निल जैन के पास से दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप कंप्यूटर, 1 पेन ड्राइव 16 जीबी।
4. बरखा भटनागर सोनी के पास से दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप कंप्यूटर, एक माइक्रो एसडी कार्ड 64 जीबी।
5. ओमप्रकाश कोरी (ड्राइवर) के पास से एक मोबाइल फोन, एक क्रेटा कार एमपी 16 सीबी 4441
6. मोनिका यादव के पास से तीन मोबाइल फोन, कॉलेज फीस की रसीद, 11 हजार रुपपए नगद, एक पेन कार्ड, एक डेबिट कार्ड

इसी साल जून-जुलाई में रात 10 बजे अरुण निगम और हरीश खरे मिनाल रेसीडेंसी में आरती दयाल के घर गए थे। निगम ने मुलाकात के दौरान खुद को माइनिंग ऑफिसर बताया था। मोनिका और आरती दोनों के साथ शराब पी। इसके बाद उनके अंतरंग वीडियो बनाए। निगम और खरे के जाने के बाद आरती, श्वेता विजय जैन और रूपा ने रिकॉर्ड किए गए वीडियो देखे थे।

महिलाओं ने आईएएस अफसर पीसी मीणा से 20 लाख रुपए, व्यापारी नरेश सीतलानी से 5 लाख रुपए लिए थे। जबकि भोपाल व छतरपुर में ऑटो मोबाइल शोरूम के संचालक मनीष अग्रवाल को ब्लैकमेल कर आरती ने क्रेटा कार में 4 लाख रुपए का डिस्काउंट लिया था। मीणा ने भोपाल के पत्रकार वीरेंद्र शर्मा के फ्लैट पर आरती, रूपा और मोनिका यादव को पैसे दिए थे।

मोनिका को लेकर आरती दयाल छतरपुर गई थी। वहां किसी अग्रवाल नामक व्यापारी का वीडियो बनाना था लेकिन नहीं बना सकी। वहां स्थानीय नेता मनोज त्रिवेदी के फार्म हाउस पर उसके दो साथी टिल्लू एवं चुलबुल पांडे के वीडियो बनाए गए थे। त्रिवेदी को ब्लैकमेल करते, इससे पहले छतरपुर टीआई ने आरती से कहा था- मनोज त्रिवेदी और उसके लोग कुछ भी करा सकते हैं। इसलिए उनसे पैसा नहीं वसूल सकी।

कोर्ट में पेश 140 पेज के चालान के मुताबिक रूपा अहिरवार ने नरेश सीतलानी और उसके तीन साथियों के साथ पहले अवैध संबंधों का वीडियो बनाया, फिर वह सीतलानी को ब्लैकमेल करने लगी। रूपा ने क्राइम ब्रांच भोपाल में शिकायत की। बाद में उसने पांच लाख रुपए में सीतलानी से राजीनामा किया था।

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