इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के हनी ट्रैप मामले में आए दिन नए खुलासे करने वाले मीडिया संस्थान के मालिक के ठिकानों पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया। संस्थान के मालिक पर आईटी एक्ट के तहत प्रकरण भी दर्ज किया गया है। संस्थान से जुडे लोगों ने इसे बदले की भावना के तहत कार्रवाई बताया।
रविवार को इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने मीडिया को बताया कि जीतू सोनी के होटल माय होम के खिलाफ शिकायत मिली थी। पुलिस कार्रवाई के दौरान होटल में 69 महिला मिलीं। महिलाओं के बयानों के आधार पर पुलिस ने होटल मालिक जीतू सोनी और अमित सोनी के खिलाफ केस दर्ज किया है।
आरोपी अमित सोनी और उनके पिता जीतू सोनी के खिलाफ एमआईजी थाने में आईटी एक्ट के तहत, पलासिया थाने पर ह्यूमन ट्रेकिंग और तुकोगंज में होटल में काम करने वाले कर्मचारियों की जानकारी नही देने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा कनाडिया थाने में आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। मामले में अमित सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जीतू सोनी अब भी फरार है।
रविवार सुबह कारोबारी द्वारा संचालित किए जाने वाले समाचार पत्र के कार्यालय को भी सील कर दिया गया। पुलिस ने हनी ट्रैप मामले के फरियादी इंदौर नगर निगम के अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर जीतू सोनी और अन्य के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।
बताया जाता है कि हनी ट्रैप मामले में पिछले कुछ दिनों से सोनी द्वारा संचालित समाचार पत्र में नए खुलासे किए गए थे। इनमें मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता लक्ष्मीकांत शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में प्रमुख सचिव रहे एसके मिश्रा और इंदौर नगर निगम के अधिकारी हरभजन सिंह के हनी ट्रैप मामले में जेल में बंद आरोपी महिलाओं के साथ संबंध उजागर किए गए थे। आरोपी महिलाओं के साथ बातचीत और कृत्य के ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
मामले की जांच सीबीआई से कराने के संबंध में मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका पहले से दायर है। याचिकाकर्ता दिग्विजय सिंह ने एसआईटी पर आरोप लगाते हुए पूरे मामले का अनुसंधान सीबीआई से कराने की मांग की है। शनिवार को एडवोकेट मनोहर दलाल के माध्यम से याचिकाकर्ता ने 15 घंटे की वीडियो सीडी कोर्ट को सौंपी है। सूत्रों के अनुसार सीडी में हनी ट्रैप के आरोपियों के साथ प्रदेश के नेताओं और अफसरों से जुडी वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग है। इस सबूत का दुरुपयोग नहीं हो इसलिए यह कोर्ट को सौंपी गई है।
इधर, वीडियो वायरल होने के बाद हनी ट्रैप मामले में जेल में बंद महिला आरोपियों की ओर से जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इसे रोकने का निवेदन किया गया था। हालांकि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कोर्ट को बताया था कि मामले से संबंधित जब्त किए गए ऑडियो और वीडियो एसआईटी द्वारा किसी को नहीं दिए गए हैं और ना ही इस संबंध में मीडिया को जानकारी दी जा रही है।
हनी ट्रैप मामले में पुलिस द्वारा अखबार मालिक के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सच को उजागर करने वाले पत्रकार के परिवार पर हुई कार्रवाई निंदनीय है। विजयवर्गीय ने कहा है कि हम छापों के खिलाफ नहीं है ,लेकिन कोई पत्रकार सच को उजागर कर रहा है और उस पर बदले की नियत से कार्रवाई की जाए, छापे डाले जाए तो मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।