ग्वालियर । स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की तैयारी केवल सर्वेक्षण के लिये ही नहीं बल्कि शहरों को स्वच्छ बनाने के लिये है। सर्वेक्षण तो केवल इण्डिकेटर है कि अभी आप स्वच्छता के किस स्तर पर हो। स्वच्छता एक बार का नहीं बल्कि प्रतिदिन का कार्य है। अब हमें व्यवहार बदलना होगा तभी हम स्वच्छता मिशन के उद्देश्य को सफल बना पायेंगे।सभी अधिकारी व इंजीनियर सर्वेक्षण की प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लो परिणाम अपने आप अच्छे आ जाएंगे।
निगमायुक्त विनोद शर्मा ने यह बात आज स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के सफल क्रियान्वयन के लिए नगरीय निकायों के अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भोपाल के अधिकारियों द्वारा होटल तानसेन में आयोजित संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में कही। इस अवसर पर मुरैना नगर निगम आयुक्त धीरेन्द्र सिंह परिहार, भोपाल के एक्सपर्ट नीलेश दुबे, के के श्रीवास्तव, प्रभाकर सिन्हा सहित ग्वालियर चंबल संभाग के सभी निकायों के अधिकारी व इंजीनियर उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यशाला के अवसर पर निगमायुक्त विनोद शर्मा ने कहा कि जनता को हमें कैसे स्वच्छता का आयना दिखाना है यह हमारी प्लानिंग पर निर्भर करता है यदि हम अपनी प्लानिंग का क्रियान्वयन सही करेंगे तो निश्चित तौर पर स्वच्छता में नम्बर वन ग्वालियर होगा तथा जनता के सहयोग के लिये जनता को प्रोत्साहित करना आवश्यक है।
नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल से पधारे स्वच्छता एक्सपर्ट नीलेश दुबे एवं प्रभाकर सिन्हा ने स्वच्छता सर्वेक्षण की पूर्ण प्रक्रिया के बारे में उपस्थित अधिकारियों व इंजीनियरों को जानकारी दी जिसमें उन्होंने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में अंकों का वितरण मुख्यतः 6 भागों मंे विभाजित किया गया है जिसमें प्रचार-प्रसार एवं जनजागरूकता के 5 प्रतिशत अंक, केपिसिटी बिल्डिंग के 5 प्रतिशत अंक, सफाई में नवाचार एवं बेस्ट प्रेक्टिेसेज के 5 प्रतिशत अंक, ठोस कचरा कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन के 30 प्रतिशत अंक, प्रोसेसिंग यूनिट के 25 प्रतिशत अंक एवं ओ.डी.एफ. के 30 प्रतिशत अंक रखे गये है। इसके लिये प्रत्येक निकाय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलकर कार्य करना है।
भोपाल के पदाधिकारियों ने बताया कि अब स्वच्छता का कम्पीटशन और अधिक कठिन हो गया है क्योंकि पहले यह कम्पटीशन देश के 500 शहरों में हुआ था जबकि अब यह कम्पटीशन देश की 4100 से अधिक नगरीय निकायों के बीच है। इस कम्पटीशन में म0प्र0 के सभी 378 निकाय भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के दौरान स्वच्छता एक्सपर्ट द्वारा कार्यशाला में स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रचार प्रसार, जनजागरुकता अभियान एवं व्यवहार परिवर्तन गतिविधियों को संचालित करने हेतु संभागीय संगठनों के चयन व अनुबंध प्रक्रिया को बेहतर समझ बनाने एवं इस कार्य में नगरीय निकायों में आ रही व्यवहारिक परेशानियों पर चर्चा की तथा नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों की समस्याओं का भी समाधान किया।
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिये जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के सफल क्रियान्वयन हेतु नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के अधिकारियों द्वारा नारायण कृष्ण शेजवलकर प्रशासनिक भवन सिटीसेंटर में महापौर विवेक नारायण शेजवलकर, सभापति राकेश माहौर, स्वच्छता प्रभारी श्रीमती खुशबू गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित सहित एम.आई.सी. सदस्य, पार्षदगणों के समक्ष स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की प्रक्रिया के बारे में प्रजेटेंशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई।
इस अवसर पर निगमायुक्त विनोद शर्मा ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 4 जनवरी 2018 से प्रारंभ हो रहा है तथा अब ग्वालियर के लिये कम्पटीशन बहुत ही कठिन है। इस सर्वेक्षण में जनप्रतिनिधियों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ही शहर स्वच्छता में नम्बर 1 स्थान प्राप्त कर सकेगा। बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को सर्वेक्षण के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान की गई तथा जनप्रतिनिधियों के प्रश्नों के जबाव भी दिए।