ग्वालियर / स्मार्ट सिटी के माध्यम से शहर में करोड़ों रूपए की लागत से कराए जा रहे विकास कार्य हमारी धरोहर है। इसे सहेजकर रखने की जवाबदारी भी तय होना चाहिए। शहर में डिजिटल संग्रहालय, तारामण्डल, टाउन हॉल सहित केन्द्रीय पुस्तकालय के आधुनिकीकरण का जो कार्य किया जा रहा है वह बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है। आने वाली पीढ़ी भी इसका लाभ उठा सके, ऐसा प्रबंध भी हम सबको करना होगा।* स्मार्ट सिटी द्वारा जो विकास कार्य किये जा रहे हैं उनका मेंटेनेन्स सुनिश्चित किया जाये। कॉस्ट सेंटर वाली परियोजनाओं को प्रॉफ़िट सेंटर परियोजनाओं द्वारा वित्तीय पोषण दिया जाना चाहिये। राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह बात शनिवार को स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा बैठक में कही।
स्मार्ट सिटी कंट्रोल कमाण्ड सेंटर मोतीमहल में आयोजित इस बैठक में स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई और कार्यों को समय-सीमा में कैसे पूर्ण किया जा सकता है, इसकी रणनीति भी बनाई गई। बैठक में प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पूर्व मंत्री श्रीमती इमरती देवी, संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना, आईजी ग्वालियर अविनाश शर्मा, डीआईजी ग्वालियर सचिन अतुलकर, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, स्मार्ट सिटी की सीईओ श्रीमती जयति सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि स्मार्ट सिटी द्वारा जो प्रोजेक्ट शहर में किए जा रहे हैं और आगे किए जाने हैं उन सबको समय-सीमा में पूर्ण करने का समयवार कार्यक्रम भी निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह भी प्रयास होना चाहिए कि स्मार्ट सिटी के कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हो जाएँ ताकि शहर वासियों को इसका लाभ समय पर मिल सके। स्मार्ट सिटी के कार्य पूर्ण भव्यता के साथ हों, लेकिन ग्वालियर के ऐतिहासिक पुरातात्विक महत्व का भी उन कार्यों में विशेष ध्यान दिया जाए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक में यह भी कहा कि फसाड़ लाईटिंग परियोजना के तहत जिन महत्वपूर्ण इमारतों पर फसाड़ लाईट का कार्य किया जा रहा है उसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी इमारतों पर एक जैसी ही लाईटिंग हो। कम्प्यूटराईज्ड लाईटिंग व्यवसथा को करने पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया। सिंधिया ने यह भी कहा कि ग्वालियर में स्ट्रीट लाईट के पुराने समय में जिस प्रकार के पोल और लैम्प लगे थे, उसी प्रकार के पोल और लैम्प लगें, यह भी सुनिश्चित किया जाए। श्री सिंधिया ने बैठक में यह भी कहा कि ग्वालियर में जयपुर की तर्ज पर एक हैरीटेज सड़क निर्माण की जाना चाहिए। इसके लिये स्मार्ट सिटी की टीम जयपुर जाकर हैरीटेज मार्ग का अवलोकन करे और उसकी परियोजना की प्लानिंग भी करे।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि स्वर्ण रेखा नाले पर एलीवेटेड रोड़ का निर्माण करने के लिये डीपीआर बनाने की मंजूरी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दी गई है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी के माध्यम से भी रिवर फण्ड निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। एलीवेटेड रोड़ की डीपीआर बनने के पश्चात ही रिवर फण्ड परियोजना के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। उन्होंने स्मार्ट सिटी के माध्यम से इलेक्ट्रोनिक बस संचालन में अधिक धनराशि लगने की बात भी कही।
सिंधिया ने कहा कि इसका विस्तृत प्रस्ताव बनाकर दें ताकि केन्द्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गड़करी से चर्चा कर उचित निर्णय कराया जा सके। इसके साथ ही जेसीमिल क्षेत्र के पट्टों के वितरण में भी यथाशीघ्र उचित कार्रवाई करने की बात कही।
बैठक के प्रारंभ में स्मार्ट सिटी सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने प्रजेण्टेशन के माध्यम से शहर में स्मार्ट सिटी के माध्यम से चल रहे विभिन्न कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में जयविलास पैलेस से मांडरे की माता तक स्मार्ट रोड़ बनाने का कार्य भी शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा। उक्त कार्य के टेण्डरिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है, शीघ्र ही कार्य प्रारंभ होगा। इसके साथ ही डिजिटल म्यूजियम, टाउन हॉल का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। तारामण्डल का कार्य भी अंतिम चरणों में है। इसके साथ ही गोरखी स्कूल का पुनर्निर्माण परियोजना का कार्य किया जायेगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी के जीवन पर आधारित एक म्यूजियम भी स्थापित किया जायेगा।
सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने महाराज बाड़ा पेडेस्ट्रजाइनेशन सहित स्मार्ट रोड़ विकास कार्य के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही महाराज बाड़े के उद्यान विकास के संबंध में भी जानकारी दी। स्मार्ट सिटी द्वारा निर्मित किए जाने वाले आईएसबीटी बस स्टेण्ड, एलईडी स्ट्रीट लाईट, स्मार्ट क्लासरूम सहित स्मार्ट स्कूल के संबंध में भी जानकारी दी।