भोपाल। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने मंत्रालय में शिक्षकों के लिये ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य कोर्स श्रंखला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि विश्व के साथ ही देश-प्रदेश कोरोना संकटकाल से लम्बे समय जूझ रहा है। ऐसे में मनोदशा का विचलित होना स्वभाविक है। विद्यार्थियों के मन में अपनी शिक्षा एवं भविष्य को लेकर चिन्ता होना स्वभाविक है। ऐसी विकट परिस्थितियों में भी शिक्षा विभाग बच्चों की पढ़ाई को नियमित बनाने एवं उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिये कई नवाचार कर रहा है। इसी क्रम में शिक्षकों के लिये ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य कोर्स शुरू किया जा रहा है। इससे शिक्षक तनाव और चिंता के वातावरण में भी बच्चों का दृष्टिकोण सकारात्मक बनाकर पढ़ाई कराने के साथ-साथ उनकी चिंताओं एवं समस्याओं का भी निराकरण हो सकेगा। यह कोर्स शिक्षकों को लिये और अधिक सक्षम एवं कौशलयुक्त बनायेगा। परमार ने कहा कि उन्हें आशा है कि शिक्षक इस कोर्स को करने के बाद वातावरण को सामान्य बनाने के लिये कारगर प्रयास करेंगे। मंत्री परमार ने कहा कि यह कोर्स चिंता, तनाव एवं अवसाद से उबारने में कारगर साबित होगा एवं शिक्षक अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक इसका लाभ पहुँचायेंगे।
प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि कोविड संकटकाल में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना और जरूरी हो गया है। इस समय मानसिक समस्याएँ बढ़ रही हैं बच्चे भी अपने भविष्य को लेकर भय और चिंता से ग्रस्त हैं। बच्चों को इस मन:स्थिति से उबारने के लिये शिक्षक को और अधिक कौशलयुक्त होना होगा इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर यह कोर्स प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि यह कोर्स पहली से 12वीं तक के सभी शिक्षकों के लिये होगा। श्रीमती शमी ने बताया कि भारत सरकार के मनोदर्पण पोर्टल पर भी इस विषय से संबंधित मॉड्यूल एवं टूल्स हैं शिक्षक उससे भी लाभ ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह कोर्स दीक्षा एप पर उपलब्ध होगा।
आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयकियावत ने मानसिक स्वास्थ्य कोर्स श्रंखला के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कोर्स दीक्षा एप पर 17 अगस्त से शुरू हो रहा है। यह कोर्स सभी कक्षाओं के शासकीय शिक्षकों के लिये उपलब्ध रहेगा। सीएम राईज डिजिटल शिक्षक प्रशिक्षण के तहत 17 अगस्त से 10 सितम्बर तक 7 सेशन्स में मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें मानसिक स्वास्थ्य परिचय एवं भावनाओं का प्रबंधन, सोच में परिवर्तन एवं क्रोध प्रबंधन, मन की व्यायाम शाला, बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य, संवाद, भावनाओं का प्रबंधन एवं सहिष्णुता, क्रोध प्रबंधन, सफलता-असफलता, स्वयं की पहचान और जिन्दगी की ओर विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।