जबलपुर। मध्यप्रदेश के सरकारी विभाग में कोई हैंडपंप और ट्यूबवेल खोदते-खोदते भी कोई अरबपति हो सकता है. जबलपुर के एक सेवानिवृत लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग के अधिकारी के यहां छापा मारा तो वह 400 करोड़ की संपति का मालिक निकला।.
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय (पीएचई) के सेवानिवृत एसडीओ सुरेश उपाध्याय के यहां ईओडब्ल्यू के छापे में करीब 400 करोड रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता चला है. ईओडब्ल्यू की 70 लोगों की टीम ने कल मंगलवार को जबलपुर में उपाध्याय के चार ठिकानों पर एक साथ छापे मारे. इसमें 200 एकड जमीन, 150 भूखंड, दो किलो सोना, पांच किलो चांदी, ढाई लाख रुपये नकद और कई कंपनियों में निवेश का पता चला है.
छापे के दौरान आय से अधिक संपत्ति का खुलासा होने के बाद जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं उनकी जांच व बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच टीम बैंक खातों को भी खंगाल रही है.
सुरेश उपाध्याय सब इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर और बढ़ते-बढ़ते एसडीओ से रिटायर हुए है।. पीएचई के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में पूरी नौकरी निकल गई. जबलपुर जिले में ही पदस्थापना रही. एक स्व. पूर्व विधायक के बेहद नजदीकी होने का फायदा लिया।
शुरू में ड्रिलिंग मशीन चलाने और ट्यूबवेल खोदने का काम किया. 1990 के बाद पीएचई में ड्रिलिंग की बड़ी मशीनें आईं और इसके बाद ही कमाई के रास्ते खुले. यह सिलसिला 2005 तक चलता रहा और तब तक हर जिले में 2000 तक ट्यूबवेल व हैंडपंप खोदे गए.

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