अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 को जल्द ही आर्मी के हथियारों के जखीरे में शामिल किया जाएगा. इस मिसाइल को सामरिक बल कमान (एसएफसी) में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित अग्नि-5, अग्नि मिसाइल श्रृंखला का सबसे उन्नत संस्करण है जो 1960 में शुरू हुए इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम का हिस्सा है.

अग्नि-5 की मारक क्षमता इतनी है कि इससे चीन के किसी भी इलाके को लक्ष्य बनाकर भेदा जा सकता है. इस मिसाइल प्रणाली से देश की सैन्य ताकत में जबर्दस्त इजाफा होने की उम्मीद है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 5,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल प्रणाली परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम है. यह मिसाइल एक टन तक विस्फोटक ले जा सकती है.

भाषा के मुताबिक, देश के सबसे अत्याधुनिक हथियार को एसएफसी को सौंपे जाने से पहले कई परीक्षण किए जा रहे हैं. रक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि यह मिसाइल बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझाऊ और हांगकांग जैसे शहरों सहित चीन के किसी भी इलाके को लक्ष्य बनाकर भेदी जा सकती है. अग्नि-5 का ओडिशा के तट से सफल परीक्षण किया गया था.

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