नई दिल्ली ! केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक और विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि स्कूलों में सेक्स एजुकैशन को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। अपने ब्लॉग पर स्वास्थ्य मंत्री ने यह बात लिखी। हर्षवर्धन खुद एक डॉक्टर हैं और उन्होंने अपनी ही वेबसाइट पर लिखा कि तथाकथित सेक्स एजुकेशन पर बैन लगना चाहिए। कोर्स कंटेट को वैल्यू एजुकेशन के साथ इंटीग्रेट किए जाने की जरूरत है। छात्रों को भारत के सांस्कृतिक संबंधों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देनी चाहिए। डॉ. हर्षवर्धन अमरीका में है जिस कारण उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई लेकिन उनके दफ्तर का कहना है कि ये स्वास्थ्य मंत्री के निजी विचार हैं। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता संजय कौल ने कहा कि स्कूलों में सैक्स एजुकेशन को बैन किए जाने संबंधी मामले पर पार्टी फोरम पर चर्चा नहीं हुई है, इसलिए हम कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। गौरतलब है कि इससे पहले भी एड्स की बीमारी से पार पाने के लिए सरकार को कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के बजाय भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर जोर देना चाहिए बयान देकर हर्षवर्धन ने बवाल खड़ा कर दिया था।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के सेक्स एजुकेशन को लेकर दिए गए बयान पर अब हंगामा बढऩे लगा है। उनके इस बयान पर जहां सामाजिक कार्यकर्ता खासे नाराज हैं, वहीं विपक्षियों ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया है। लोगों का गुस्सा देखकर अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने बयान पर सफाई दी है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सेक्स एजुकेशन समाज को लिंग भेदभाव, कम उम्र में प्रेगनेंसी, एचआईवी एड्स और पोर्नोग्राफी का आदी बना दी देती है। केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि यूपीए सरकार की ओर से लागू किया गया सेक्स एजुकेशन प्रोग्राम महज अश्लीलता और आपत्तिनजक तस्वीरों का ग्राफिक के जरिए प्रदर्शन करता है। ये सेक्स एजुकेशन नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *