इटावा। उत्तरप्रदेश के इटावा जंक्शन में एक वृद्ध को शताब्दी एक्सप्रेस में वैध रिवर्जेशन टिकट होने के बावजूद इसलिए अपमानित करके उतार दिया गया क्योंकि उन्होंने धोती और रबर की चप्पल पहनी हुईं थीं। जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो रेलवे ने स्टेशनी अधीक्षक पूरनमल मीना को निलंबित कर दिया। अपमानित हुए बुजुर्ग यात्री का नाम राम अवध दास है। अपमानित करने वाला अधिकारी कौन था, अभी पता नहीं चल पाया है।
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिह ने बताया कि प्रयागराज मंडल अधिकारियों ने माना कि इससे रेलवे की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पडा। मामले को स्टेशन अधीक्षक ठीक से नहीं संभाल पाए, इसीलिए उन पर कार्रवाई की गई है। मामले में मुख्य वाणिज्य निरीक्षक ने भी प्रयागराज मंडल को रिपोर्ट दी है। उस दिन के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। इलाहाबाद मंडल एडीआरएम आरपीएफ व कोच कंडक्टर की काउंसिलिग करेंगे ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
बुजुर्ग के अपमान मामले में कानपुर सेंट्रल स्टेशन प्रशासन ने भी जांच तेज कर दी है। शनिवार को स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय ने घटना से संबंधित रेलवे स्टाफ से पूछताछ की। उन्होंने टीटीई रूपेश कुमार और आरपीएफ सिपाही दलबीर सिंह के बयान लिए। दोनों ही घटना के समय मौजूद बताए जा रहे हैं।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में स्टाफ ने यही बताया है कि बुजुर्ग जेनरेटर यान में चढे थे। उन्हें पीछे कोच में जाने को कहा गया, जिसे शायद वह पीछे आ रही ट्रेन समझ बैठे। हालांकि अभी इन बयानों का परीक्षण किया जाना बाकी है। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यालय स्तर से इस प्रकरण में जांच कराई जा रही है। रेलवे की ओर सेसीनियर डीसीएम नवीन दीक्षित और आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अमरेश कुमार सिंह जांच करेंगे। चूंकि रिवर्स शताब्दी कानपुर से चलती है और ट्रेन में आरपीएफ व कॉमर्शियल स्टाफ सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ही जाता है, इसलिए स्टेशन डायरेक्टर भी जांच कर रहे हैं।