नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की टीकाकरण नीति की आलोचना करते हुए कहा है कि 18 से 44 साल के आयु वर्ग को मुफ्त टीका न देने का उसका निर्णय प्रथम दृष्ट्या ‘मनमाना और तर्कहीन’ है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अवकाशकालीन खंडपीठ ने अपनी हालिया टिप्पणी में कहा है कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को मुफ्त टीकाकरण और उससे नीचे की उम्र के लोगों के लिए भुगतान प्रणाली देने की केंद्र की नीति ‘प्रथम दृष्टया मनमानी और तर्कहीन’ है। खंडपीठ ने ग्रामीण लोगों के लिए वैक्सीन की कमी के संदर्भ में कई अन्य खामियों को चिह्नित करते हुए केंद्र से अपनी टीकाकरण नीति की समीक्षा करने और 31 दिसंबर 2021 तक टीकों की अनुमानित उपलब्धता का खाका पेश करने का निर्देश दिया है।