मुरैना। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के मुरैना के कमलनाथ सरकार में दिव्या सिंह कोटे से मिनिस्टर इन वेटिंग और विधायक रघुराज कंसाना के यहां सीबीआई की छापामार कार्यवाही हुई है। सीबीआई ने कंसाना के घर और वेयरहाउस पर कार्रवाई की। समाचार लिखे जाने तक मुरैना जिले के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर सीबीआई की कार्रवाई जारी थी।
दिग्विजय सिंह के नजदीकी होने के कारण विधायक रघुराज कंसाना का मुरैना जिले में अच्छा खासा दबदबा माना जाता है। मंगलवार सुबह जैसे ही सीबीआई की कार्रवाई शुरू हुई पूरे मुरैना में यह खबर आग की तरह फैल गई। लोग जानना चाहते हैं कि कंसाना पर क्या आरोप है और सीबीआई क्या कार्रवाई करने वाली है। सीबीआई ने मुरैना के अलावा अंबाह और पोरसा में भी वेयरहाउस पर दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। फिलहाल शांति वेयरहाउस मुरैना, देवीराम वेयरहाउस अम्बाह, श्रीराम वेयर हाउस मुरैना के नाम सामने आए हैं। हालांकि अभी और वेयर हाउस के नाम सामने आना हैं।
बताया जाता है कि मुरैना में निजी गोदाम संचालकों ने बैंक मैनेजर के साथ मिल कर चपरासी-ड्राइवर के नाम की फर्जी पर्चियों के सहारे खाली पडे गोडाउन को भरा बताकर बडी राशि ली। इस घोखाधडी को लेकर सीबीआई की टीम ने मुरैना, कोलकाता, नोएडा, पटना और अन्य शहरों में करीब 23 ठिकानों पर कार्रवाई की है।
सूत्रों के मुताबिक भोपाल में एसबीआई के साथ करीब एक हजार करोड रुपए से ज्यादा की धोखाधडी के प्रकरणों में कार्रवाई की गई। सीबीआई की दिल्ली और दूसरे स्थानों की टीमों ने भोपाल में कार्रवाई की। एक मामले में गोविंदपुरा की एक फैक्ट्री के नाम बैंक से जो ऋण लिया गया था, उसके भौतिक सत्यापन के लिए जब सीबीआई की टीम उक्त पते पर पहुंची तो वहां खाली प्लॉट मिला।
सूत्रों ने बताया कि मुरैना में यूको बैंक से 2015 में सात निजी गोदामों के लिए करीब 200 करोड रुपए के लोन दिए गए। सीबीआई ने सात अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर इसमें जांच शुरू की तो पता चला कि गोदाम संचालकों के गोदाम खाली पडे रहते थे, लेकिन उनमें माल रखने की पर्चियां लगातार काटी गईं। जब जांच की गई तो माल रखे जाने की रसीदें गोदाम संचालकों के चपरासी, ड्राइवर और परिचितों के नाम की निकलीं। यही नहीं गोदामों की जितनी क्षमता थी, उससे कहीं ज्यादा मात्रा में माल रखे जाने की पर्चियां काट कर दस्तावेज तैयार किए गए।
इनके आधार पर यूको बैंक से उन्हें बडी राशि का लोन स्वीकृत हुआ। सूत्र बताते हैं कि मुरैना के यूको बैंक में जब गोदामों के संचालकों को ऋण स्वीकृत हुआ, तब मैनेजर आरके सिन्हा थे, जो इस समय कोलकाता में पदस्थ हैं।
देश के 14 राज्यों में मंगलवार को छापेमार कार्रवाई शुरू की है। ये कार्रवाई 7000 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड के मामले में देश के 14 राज्यों के 169 ठिकानों में की जा रही है। प्रदेश के 14 स्थानों में सीबीआई की छापेमारी जारी है। हालांकि अभी तक ये खुलासा नहीं हो पाया है कि किन 14 राज्यों में सीबीआई की छापेमारी जारी है। सीबीआई की इस छापेमार कार्रवाई से प्रदेश में हडकंप की स्थिति बनी हुई है।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में सीबीआई के पास करीब 35 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें एक नाम रघुराज कंसाना का भी है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई द्वारा दर्ज की गई ज्यादातर एफआईआर में वैसे डिफॉल्टर्स हैं जिन्होंने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर अपनी फर्मों के नाम पर लोन लिया था और इसे वापस नहीं किया गया। इस दौरान फ्रॉड केस से जुड़े सबूतों की तलाश की जा रही है। सीबीआई ने 7 हजार करोड़ के बैंक फ्रॉड केस में 35 मुकदमे दर्ज किए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारी ने इस मामले में शामिल बैंकों या आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय जांच एजेंसी ने इतने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है। इससे पहले भी सीबीआई छापेमार कार्रवाई को अंजाम दे चुकी है।