भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी जिले में नहर में गिरने के कारण 37 यात्रियों की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए उनके आश्रितों को पांच पांच लाख रुपयों की सहायता की घोषणा की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चौहान ने कहा कि यह दुर्घटना अत्यंत दुखद है। उन्होंने मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शोकाकुल परिजनों के साथ संकट की इस घड़ी में वे और पूरी सरकार साथ है। उन्होंने कहा कि हादसे की सूचना के बाद से ही वे सीधी जिला और रीवा संभाग प्रशासन के संपर्क में थे और लगातार उन्हें निर्देश दिए जा रहे थे।
इस बीच वीभत्स हादसे के कारण चौहान ने आज यहां आयोजित होने वाला ‘गृह प्रवेशम’ कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया। इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होने वाले थे। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत निर्मित एक लाख नवीन आवासों में हितग्राहियों के एक साथ गृह-प्रवेश का कार्यक्रम ‘गृह प्रवेशम’ आज दिन में आयोजित होने वाला था। इसके अलावा यहां आयोजित होने वाली राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक भी स्थगित कर दी गयी। चौहान ने सीधी मामले पर ही ध्यान केंद्रित करने के मद्देनजर आज के अन्य सरकारी कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए।
उन्होंने संबंधित विभागों के मंत्रियों की तत्काल बैठक बुलायी और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट को तत्काल घटनास्थल पर भेज दिया गया। इस बीच सीधी से यूनीवार्ता संवाददाता से प्राप्त समाचार के अनुसार बस सुबह सीधी जिला मुख्यालय से लगभग छह बजे रवाना हुयी थी और उसमें सीधी तथा सिंगरौली जिले के युवक युवती और उनके अभिभावक भी सवार थे, जो सतना जिला मुख्यालय पर आज आयोजित होने वाली रेलवे और नर्सिंग से संबंधित परीक्षा में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में एक घाटी पर जाम की स्थिति के कारण बस निर्धारित रुट की बजाए नहर के किनारे वाले मार्ग से ले जायी जा रही थी, तभी संभवत: किसी वाहन को ओवरटेक करने के दौरान वह अनियंत्रित होकर नहर में लगभग साढ़े सात से आठ बजे के बीच समा गयी।
कम से कम 30 फीट चौड़ी नहर में दुर्घटना के वक्त कम से कम 20 फीट ऊंचाई तक पानी भरा हुआ था। राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ कराने के लिए तत्काल प्रशासन सक्रिय हुआ और क्रेन इत्यादि भी बुलाने के साथ ही बाणसागर बांध जलाशय से पानी की निकासी बंद करायी गयी। बांध और हादसास्थल के बीच की दूरी लगभग 40 किलोमीटर बतायी गयी है। पानी की निकासी बंद होने के कुछ समय बाद नहर में जलस्तर घटा और तब बस निकालने के साथ ही मृतकों के शव निकाले गए। राहत एवं बचाव कार्य में लगभग तीन घंटे का वक्त लगा और रीवा संभाग आयुक्त राजेश जैन के अलावा प्रशासन और पुलिस के अन्य आला अधिकारी भी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे।