मध्यप्रदेश में आगामी 2018 नवंबर में होने वाले चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही नेतृत्व में ही होंगे । इसे लेकर भाजपा हाई कमान ने मंथन शुरू कर दिया है। वहीं मप्र में शिवराज सिंह का डंका इन दिनों सिर चढकर बोल रहा है।
देश के गुजरात और हिमाचल के चुनावों के परिणाम के बाद मध्यप्रदेश में चुनाव २०१८ में होगें इसे लेकर जहां पार्टी के नेताओं ने मंथन कर मुख्यमंत्री के साथ ही अन्य मंत्रियों और विधायकों के बारे में चिंतन शुरू कर दिया है। राजनैतिक पंडितों का भी मानना है कि शिवराज सिंह के पिछले 12 सालों के शासन काल में शिवराज सिंह ने अपनी योजनाओं से जहां राज्य ही नहीं देश में भी लोकप्रियता हासिल की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं को भी दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनाकर अपने राज्य में शुरू किया। इसे देख लगता है कि मुख्यमंत्री विकास के मार्ग पर सही दिशा में चले।
उधर कांग्रेस के पास अभी तक कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का मुकाबला कर सके। जो भी नेता अपने आपको शिवराज से तुलना कर राज्य में मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस की तरफ से चाहते हैं वह अपने ही क्षेत्र में कांग्रेस को जिता तक नहीं पा रहे हैं। अब 2018 के चुनावों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ही एकमात्र ऐसा चेहरा होंगे, जो भाजपा को सत्ता तक पहुंचा सकेंगे।

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