ग्वालियर हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, चित्रांगदा राजे सिंधिया व माधवी राजे सिंधिया पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है।जमीन से जुड़ी जनहित याचिका पर समय पर जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने ये जुर्माना लगाया है। खबर है कि सिंधिया पर महलगांव हलके में शासकीय जमीन बेचने का आरोप है।यह याचिका उपेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा लगाई गई है। इसके साथ कोर्ट ने सिंधिया और उनके परिवार को 15 दिनों के अंदर दोबारा जवाब मांगा है।

दरअसल, उपेंद्र चतुर्वेदी ने जनहित याचिका दायर करते हुए मौजा महलगांव स्थित जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है। इसमें सिंधिया, उनकी मां व बहन को भी पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि महलगांव हलके का सर्वे क्रमांक 1211 व 1212 भूमि शासकीय है। इस जमीन को बेचा नहीं जा सकता, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके ट्रस्ट ने जमीन नारायण बिल्डर्स को बेच दी। बिल्डर ने जमीन पर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी। उन्होंने मांग की थी कि जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर मामले की जांच कराई जाए।कोर्ट ने शासकीय भूमि के विक्रय पर सिंधिया परिवार के तीनों सदस्यों को जवाब पेश करने का आदेश दिया था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें चेतावनी भी दी, लेकिन कोई असर नही हुआ।

इसके बाद बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी मां माधवी राजे सिंधिया, बहन चित्रांगदा राजे और कमला राजे चेरिटेबल ट्रस्ट पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है।साथ ही दो सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है।

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