भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिंचाई अधोसंरचना विस्तार में कृषकों की सुविधा और सहमति को ध्यान में रखा जाए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और वरिष्ठ अधिकारी निर्माणाधीन कार्यों का निरंतर निरीक्षण सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यों की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए गति देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में नर्मदा नियंत्रण मंडल की 69वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह उपस्थित थे। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर से वर्चुअली सम्मिलित हुए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास आई.सी.पी. केशरी, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा और प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल भी उपस्थित थे।

योजनावार कार्यों की समीक्षा
बैठक में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा योजनावार कार्यों की समीक्षा की गई। छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई परियोजना, अलीराजपुर उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना, इंदिरा सागर परियोजना के अंतर्गत बड़वानी जिले में टनल निर्माण, बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद टनल के कार्य, ढ़ीमरखेड़ा उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना की समीक्षा की गई।

कई परियोजनाओं के कार्य पूर्ण
आत्म-निर्भर भारत के परिप्रेक्ष्य में तैयार कार्य-योजना में नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक, हरसूद माइक्रो सिंचाई परियोजना, अपर बेदा दांई तट नहर, ओंकारेश्वर नहर चरण-4 सिंचाई तथा उज्जैनी-देवास-उज्जैन पाईप लाईन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इससे 1 लाख 50 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का विस्तार होगा।

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