इंदौर ! एक किसान साल दर साल अच्छी फसल की आस में लगातार कर्जे की दलदल में धंसता गया और उस पर कर्जे का बोझ बढ़ता ही गया। एक तरफ उसने बैंक से ऋण ले रखा था तो दूसरी तरफ साहूकार से भी ऊंची ब्याज दर पर कर्जा ले रखा था। फसल हर बार बिगड़ती चली गई और कर्ज का दबाव बढऩे लगा। आखिरकार एक दिन उसने एसिड पीकर अपनी जान दे दी। अब पुलिस जांच कर रही है।
इंदौर के पास महू तहसील के कैलोद करताल गाँव के युवा किसान सुनील हिजार खूब मेहनत से अपनी खेती करना चाहता था लेकिन कुछ इस तरह वह परिस्थितियों में फंसता चला गया कि उसे अपनी जान ही गंवाना पड गई। मृतक के भाई महेश ने बताया कि सुनील छोटा किसान था। बीते तीन सालों में मालवा में नियमित बारिश नहीं होने से कई किसानों की आस निराशा में बदल चुकी है। सुनील भी हर बार अच्छी फसल की आस में खाद, बीज और सिंचाई के लिए कर्ज पर कर्ज लेता रहा। पहले उसने बैंक से ऋण लिया और उसके बाद वह साहूकारों के चंगुल में फंस गया. गहने और दूसरी चीजें पहले ही बिक चुके थे।
इधर खेती ने साथ नहीं दिया, उसकी फसल उजड़ गई तो दूसरी तरफ ब्याज बढ़ गया। घर में पैसा था नहीं और साहूकार का दबाव बढ़ता जा रहा था। ऐसे तनाव में सुनील कब तक हिम्मत भरता। आखिर उसने खेत पर एसिड पीकर अपनी जान दे दी। सोमवार को एमवाय अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.फिलहाल इंदौर संयोगितागंज पुलिस की जीरो कायमी पर महू पुलिस ने मर्ग दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक़ जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

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