ग्वालियर। भिण्ड जिला न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह तोमर ने तीन युवकों पर गैंगरेप का अपराध दर्ज कराकर बाद में बयान बदलने वाली पीडित युवती सहित उसकी मॉं, चाचा व भाई के खिलाफ पुलिस को अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है तथा तीन आरोपियों को बरी कर दिया है।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी सतीश कटारे ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के रौन थाना क्षेत्र के गहेली निवासी एक 17 वर्षीय युवती 12 जनवरी 2014 को सुवह 4 बजे जब वह घर से बाहर शौच के लिए गई थी तभी गांव के ही तीन युवकों ने उसे पकड लिया और एक खेत में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कृत्य किया। पीडित युवती अपनी मॉं, चाचा व भाई के साथ रौन थाने पहुंची और आरोपी संजू यादव, कल्लू यादव व फाइटर के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया।
बारदात के 3 दिन बाद 15 जनवरी 2014 को लहार न्यायालय में पीडित युवती के बयान घारा 164 में दर्ज किए गए। जिसमें पीडिता ने आरोपी संजू यादव को पहचाना और दुष्कर्म करने की भी बात कही थी, लेकिन प्रकरण की सुनवाई के दौरान 22 मई 2014 को पीडित युवती ने आरोपी संजू यादव को पहचानने से ही इंकार कर दिया। युवती की तरह उसकी मॉं, चाचा व भाई ने भी पहचानने से इंकार कर दिया। झूठी रिपोर्ट व बयान बदलने के कारण जिला न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह तोमर ने कल सुनाए गए अपने फैसले में तीनों आरोपियों को बरी करते हुए कथन पलटने के लिए पीडिता, उसकी मॉं, चाचा व भाई के खिलाफ धारा 177, 193, 195 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। अब इन चारों के खिलाफ मामला चलेगा।

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