शाहजहांपुर। उत्तरप्रदेश के लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन शोषण के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया। इसके लिए टीम शुक्रवार सुबह उसके दिव्य धाम आश्रम पहुंची थी। अदालत ने चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एसआईटी के मुताबिक, चिन्मयानंद ने छात्रा के वीडियो को सही बताते हुए मसाज और अश्लील बातें करने की बात स्वीकार की है।

एसआईटी प्रभारी अरोडा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि चिन्मयानंद ने छात्रा से मसाज कराने और अश्लील बातें करने की बात कबूली है। हालांकि, जब एसआईटी ने दुष्कर्म को लेकर सवाल पूछा तो उसने चुप्पी साध ली। सिर्फ इतना कहा- मैं शर्मिंदा हूं। अरोड़ा के मुताबिक, चिन्मयानंद और पीडिता के बीच जनवरी से अब तक 200 बार कॉलिंग हुई। वहीं पीडिता की उसके दोस्त से इसी दौरान 4200 बार बात हुई थी। एसआईटी ने चिन्मयानंद से रंगदारी वसूलने के मामले में भी तीन आरोपियों की गिरफ्तार किया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। एसआईटी प्रभारी आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि छात्रा ने एक मोबाइल और पेन ड्राइव दी थी, जिन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। छात्रा ने सबूत के तौर पर इनमें 43 वीडियो क्लिप मौजूद होने की बात कही है।
पीडिता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज किया है। इसके बाद छात्रा ने भी एक साल तक यौन शोषण किए जाने के आरोप लगाए थे। एसआईटी उसके दो कॉलेजों के प्रिंसिपल से भी पूछताछ कर रही है।

डीजीपी ओपी सैनी ने बताया कि चिन्मयानंद से रंगदारी वसूलने के मामले में तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। एसआईटी का मानना है कि इस पूरे मामले में तीनों युवकों की अहम भूमिका रही थी। तीनों आरोपी लगातार चिन्मयानंद के संपर्क में थे। पीडिता और स्वामी के बीच चल रही ब्लैकमेलिंग की डील में तीनों सूत्रधार थे। चिन्मयानंद के वकील ने पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में अज्ञात पर केस दर्ज करवाया था।

चिन्मयानंद को बुधवार रात तबीयत बिगड़ने पर शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे, जहां से उन्हें लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) रेफर कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने आश्रम लौटकर आयुर्वेदिक उपचार कराने का फैसला लिया था। इसके बाद छात्रा ने कहा था कि सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज होने के बाद भी एसआईटी कुछ नहीं बता रही है। अगर चिन्मयानंद की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आग लगाकर जान दे दूंगी। चिन्मयानंद जेल जाने के डर से बीमारी का बहाना बना रहे हैं।

एसआईटी ने चिन्मयानंद से 12 सिंतबर को करीब 7 घंटे पूछताछ की थी। इसके बाद 13 सिंतबर को उनके आश्रम का एक कमरा सीज कर दिया था। एसआईटी जांच के लिए पीडित छात्रा को लेकर उनके आवास पर भी पहुंची थी। चिन्मयानंद ने कहा था कि एसआईटी मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है, इसके बाद पूरी साजिश उजागर हो जाएगी।

स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में लॉ की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उसने कहा था कि एक संन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी। उसे और उसके परिवार को इस संन्यासी से जान का खतरा है। उसके बाद लड़की के पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद छात्रा लापता हो गई थी। यूपी पुलिस ने 30 अगस्त को उसे राजस्थान से बरामद किया था। सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी जांच और पीडिता को सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे।

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