इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के धार में पुलिस का टेंट मंडप बना… दूल्हे के सिर पर न तो सेहरा है… न दुल्हन शादी के जोडे में। सादे कपडे हैं, सिर पर सफेद चुन्नी डाली है। हाथों में न पति के नाम की मेहंदी रचि है और न बैंड, बाराती और न ही मंडप…पंडित की भी भूमिका में पुलिस …मंत्र नहीं गूंज रहे हैं, लेकिन पुलिस का मार्गदर्शन है…पहली नजर में कुछ भी शादी जैसा नहीं लग रहा। लेकिन जब दोनों युवक-युवती ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली तो यह सादगी का माहौल शादी के खुशी में तब्दील हो गया। सात फेरे नहीं हुए, लेकिन दोनों ने वरमाला पहनाकर ही सात जनम साथ निभाने का वादा किया।
यह नजारा मध्यप्रदेश के धार जिले के नौगांव थाने का का था। जहां पुलिस ही बाराती बनी… पुलिस ने ही पंडित और पुलिस ने ही हर जिम्मेदारी उठाई। दूल्हा बाइक पर ही बैठाकर अपनी दुल्हन को लेकर रवाना हो गया। जानकारी के अनुसार सादलपुर थाने के सकतली के निवासी रतन बागडी की 19 वर्षीय लडकी पूनम की बेटमा के ओसरूद के कपिल से 15 अप्रैल को शादी होना थी। दोनों की सगाई हो चुकी थी लेकिन लॉकडाउन बढता ही गया। इससे उनकी शादी पर कोरोना का ग्रहण लग गया। रविवार रात को ही सकतली गांव से पूनम बेटमा के लिए निकल गई। पूनम जब नौगांव थाने के सामने से गुजरी तो चेकिंग पाइंट पर पुलिस ने उसे रोका तो उसने सारी कहानी बताई। टीआई युवराज सिंह ने युवक की सच्चाई जानने के लिए युवक व युवती के परिजन को फोन कर बुलाया। दो-दो परिजन दोनों तरफ से पहुंचे। पुलिस ने चेकिंग पाइंट के पास लगे टेंट के नीचे शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शादी करवाई। इसके बाद दूल्हा बाइक पर ही दूल्हन को लेकर अपने गांव के लिए रवाना हो गया।
टीआई ने परिजन को बुलाया और कहा कि मंदिर जाकर दोनों की शादी करवा दीजिए। जिस पर परिजन ने कहा कि सर थाना ही हमारा मंदिर है। आप ही हमारे भगवान। यहीं शादी करवा दो। परिजन ही मालाएं लेकर आ गए। पुलिस की मौजूदगी में युवक व युवती ने एक दूसरे को लकडी के सहारे वरमालाएं पहनाई।
पूनम रात में ही में घर से भागकर अपने होने वाले पति से मिलने और शादी के लिए निकल गई थी। रात में पैदल निकली तो सुबह नौगांव पुलिस ने उसे रोका तो शादी की पूरी कहानी सामने आई। युवती ने बताया कि 15 अप्रैल की शादी तय थी, लेकिन लॉकडाउन से नहीं हो पा रही थी।
दुल्हन पूनम का कहना है कि 15 अप्रैल को शादी थी। लेकिन लॉकडाउन से शादी रुक गई थी। हम दोनों ने मर्जी से शादी की। यहां पुलिस ने रोका तो मैंने सारी जानकारी पुलिस को दी। उसके बाद पुलिस ने हमारी शादी करवाई।
नौगांव थाना प्रभारी युवराज सिंह ने बताया कि युवती को हमारी टीम ने चेकिंग पाइंट पर रोका तो पूरी कहानी सामने आई। दोनों के परिजन को बुलाकर बात की गई तो पता चला कि 15 अप्रैल शादी की तारीख तय थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते शादी में परेशानी आ रही थी। हमने मंदिर का कहा था वे बोले थाने में ही करवा दीजिए। शारीरिक दूरी का पालन कर दोनों की शादी करवाई गई। दूल्हा-दुल्हन को बाइक पर घर लेकर चला गया।