इंदौर । प्रदेश में चौथी बार सत्ता पर काबिज होने के मंसूबे के साथ चुनावी मैदान में उतर रही भाजपा की टिकट वितरण की तैयारी अंतिम दौर में है। आठ सत्रों की बैठक के बाद केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्यों के बीच भोपाल में केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर के निवास और भाजपा कार्यालय पर बैठकों का दौर जारी है। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा भी मौजूद थे।

सभी नेताओं ने प्रदेश में हुए पांच दौर के सर्वे की सूची के आधार पर उम्मीदवारों के नामों पर विचार विमर्श किया। पहली सूची में भाजपा 70 प्रतिशत उम्मीदवारों के नाम तय करना चाहती है। 30 से 40 सीटें होल्ड रखी जाएंगी। इनकी घोषणा नवंबर के दूसरे सप्ताह के शुरुआत में करने की योजना है।

भोपाल में इस समय उत्सव जैसा माहौल है। भाजपा कार्यालय के अलावा लगभग सभी प्रमुख नेताअ के घर प्रदेशभर से टिकट के दावेदार अपने समर्थकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। मंगलवार को भी जब केंद्रीय मंत्री तोमर के घर समिति के अन्य सदस्य बैठक के लिए पहुंचे तो कुछ ही देर में वहां भी भारी भीड़ जमा हो गई। सभी नेता बंद कमरे में चर्चा करते रहे, जबकि कार्यकर्ता बाहर नारेबाजी में जुटे रहे।

महीनों पहले तैयारी शुरू कर दी थी भाजपा ने

टिकट वितरण के लिए भाजपा की तैयारियां महीनों पहले शुरू हो गई थी। भाजपा संगठन ने अलग-अलग स्तर पर पांच सर्वे करवाए हैं। इनमें विकासात्मक सर्वे, मुख्यमंत्री का सर्वे, प्रदेश भाजपा संगठन का सर्वे, राष्ट्रीय संगठन द्वारा करवाया गया सर्वे और पांचवां सामान्य सर्वे जो वर्तमान विधायक के लिए न होकर इस बात के लिए होता है कि उक्त सीट से कौन सा उम्मीदवार जीत सकता है।

चुनाव समिति की बैठकों का दौर होगा शुरू

सर्वे रिपोर्ट के साथ अब भोपाल में चुनाव समिति की बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, विनय सहाबुद्धे, वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, विक्रम वर्मा, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, लालसिंह आर्य, फग्गनसिंह कुलस्ते, जयंत मलैया, सह संगठन महामंत्री अतुल राय आदि मौजूद रहेंगे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी शुक्रवार को बैठक में भोपाल पहुंची थी।

एक से अधिक दावेदारों वाली सीटों पर दिल्ली से फैसला…

भोपाल में मंथन के बाद उम्मीदवारों की सूची दिल्ली केंद्रीय कार्यालय को भेजी जाएगी। इस पर अंतिम मुहर वहीं लगेगी। प्रदेश भाजपा द्वारा भेजे गए सिंगल नामों को छोड़कर जहां एक से अधिक दावेदार हैं, उन क्षेत्रों का निर्णय भी दिल्ली में ही होगा।

1 नवंबर से पहले घोषणा की तैयारी

पूरी प्रक्रिया तीन से चार दिन तक चलेगी। इसमें संभागीय संगठन मंत्रियों से भी चर्चा होगी। प्रदेश भाजपा संगठन का प्रयास है कि टिकटों की घोषणा 1 नवंबर तक हो जाए। खासकर ऐसे टिकट जहां सिंगल नाम हो और जीतने वाले उम्मीदवार हों वे सबसे पहले तय कर दिए जाएं ताकि उम्मीदवारों को पर्याप्त समय मिल जाए।

सर्वे के आधार पर उलटफेर

केंद्रीय समिति के पास भी अपनी आंतरिक सर्वे रिपोर्ट होती है। उसके आधार पर वह प्रदेश भाजपा द्वारा भेजी गई सूची में बदलाव की सिफारिश करते हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ भाजपा को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था। यहां प्रदेश भाजपा द्वारा ज्यादातर विधायकों की सिफारिश की गई थी। केंद्रीय समिति ने 17 विधायकों को टिकट नहीं देने के निर्देश के साथ सूची वापस भेजी दी। यह निर्णय विधायकों की नकारात्मक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था।

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