जबलपुर. मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) केस में फरार चल रहा आरोपी हरकरण मोखा भी पकड़ा गया. मोखा आज सरेंडर करने कोर्ट पहुंचा था, लेकिन वो कोर्ट में पहुंच पाता उससे पहले ही पुलिस ने उसे गेट पर दबोच लिया. हरकरण की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 5 हजार का इनाम घोषित किया था.
नकली रेमडेसिविर इंजेक्सन सप्लाई करके कोरोना मरीज़ों की जान से खिलवाड़ करने वाले गिरोह का एक अहम सदस्य हरकरण मोखा भी पकड़ा गया. वो जबलपुर के सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा का बेटा और इस मामले का आरोपी है. इस रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद से हरकरण मोखा फरार चल रहा था.
ऐसे पकड़ा गया हरकरण
पुलिस को आज मुखबिर से खबर मिली थी कि हरकरण शहर आ चुका है. उसके आने की सूचना मिलते ही पुलिस सतर्क थी. वो कोर्ट और सिटी अस्पताल सहित उन सभी जगह तैनात थी जहां हरकरण पहुंच सकता था. हरकरण के अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी एमपी 20 डब्ल्यूए 0054 पर सवार होकर कोर्ट पहुंचने और वहां सरेंडर करने की सूचना थी. सूचना के बाद से उसकी गाड़ी और हरकरण की तलाश में पुलिस ने जिलेभर में नाकाबंदी कर दी थी. शाम लगभग 4 बजे हरकरण पहुंचा ज़रूर लेकिन पुलिस को चकमा देने के लिए दूसरी गाड़ी में बैठकर जिला कोर्ट पहुंचा. पुलिस सुबह से उसके इंतज़ार में थी. वो जैसे ही कार से उतरकर कोर्ट के भीतर जाने के लिए दौड़ लगाने लगा, लेकिन वो अंदर पहुंच पाता उससे पहले ही जाल बिछाए बैठी पुलिस टीम ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया.
पिता-मां पहले ही जेल में
हरकरण के पिता और सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत और मां पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. सिटी अस्पताल की एडमिनिस्ट्रेटर और सोनिया को भी पुलिस पकड़ चुकी है. इससे पहले पुलिस ने गुजरात से एमपी नकली इंजेक्शन सप्लाई करवाने वाले मीडिएटर राकेश को पकड़ा है. राकेश ने ही सपन जैन को 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन गुजरात के माध्यम से दिलवाए थे. इन 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में से 35 इंजेक्शन उसने अपने पास रखे थे जिसे बाद में सपन के साथ मिलकर उसने तिलवारा पुल से नर्मदा में फेंक दिया था.