ग्वालियर। ग्वालियर जिले के ग्राम पुरी निवासी किसान रामनाथ कुशवाहा ने डबरा मंडी में अपनी उड़द की फसल बेची। पर मन में टीस बनी रही कि इस साल भाव उतने अच्छे नहीं मिले। मगर जब उन्हें पता चला के प्रदेश सरकार नें उनके खाते में अपने खजाने से लगभग 62 हज़ार रुपए की राशि जमा कर दी है, तो एक बारगी उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। उनका अचंभित होना लाजमी ही था। अभी तक किसी सरकार ने किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने के लिए इस प्रकार अपने ख़ज़ाने नहीं खोले थे। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के जरिए यह कर दिखाया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भावान्तर भुगतान योजना में पंजीकृत प्रदेश के एक लाख 35 हज़ार 545 किसानों के खातों में बुधवार को उज्जैन में आयोजित हुए किसान महासम्मेलन से एक क्लिक कर लगभग 133 करोड़ रुपए की राशि पहुंचाई। इस कार्यक्रम का ग्वालियर की दीनारपुर व डबरा मंडी सहित प्रदेश भर की 257 मंडियों में प्रसारण हुआ । यहां दीनारपुर मंडी में यह प्रसारण देखने के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी। जिन किसानों के खातों में मुख्यमंत्री ने आज राशि पहुंचाई है वे सभी किसान 16 से 31 अक्टूबर की अवधि में विभिन्न कृषि उपज मंडियों में भावांतर भुगतान योजना के तहत अपनी उपज बेच कर गए हैं। सरकार द्वारा इस योजना के तहत विभिन्न ई- उपार्जन केंद्रों पर 15 से 25 नवंबर की अवधि में नए किसानों का पंजीयन कराया जा रहा है । ग्वालियर जिले में भी 59 केंद्रों पर पंजीयन का काम किया जा रहा है।
भावान्तर भुगतान योजना के तहत ग्वालियर जिले के डबरा गांव निवासी कृषक बबीता साहू के खाते में साढ़े 61 हज़ार व ग्राम पूरी के कृषक प्रदीप कुशवाह के खाते में लगभग साढ़े 52 हज़ार की राशि सरकार ने अपने ख़ज़ाने से जमा की है। इसी तरह ग्राम अजय गढ़ के कृषक जगदीश श्रीवास्तव को लगभग 31 हज़ार, खेड़ा की विमला गुर्जर को करीबन 18 हज़ार, सुपावली मुरार के राजेश शर्मा को लगभग 11 हज़ार, बरई के दिनेश कुमार शर्मा को लगभग 7 हज़ार, सुपावली के अशोक व देवेश शर्मा को लगभग 13-13 हज़ार, सुप्त ग्राम निवासी नरेन्द्र माहौर व कीरतपुरा चीनोर के सरमन सिंह को लगभग 8-8 हज़ार, अजयगढ़ के फूलसिंह जाट को लगभग 16 हज़ार एवं मेहगांव चीनोर के कृषक भारत सिंह सोलंकी को 5 हज़ार से अधिक राशि सरकार ने दी है। सरकार की इस योजना से किसानों को उनकी उपज के अधिकतम दाम मिल रहे हैं, जाहिर है उनमें खुशी की लहर है।
यह है भावान्तर भुगतान योजना
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य मुहैया कराने के मकसद से खरीफ- 2017 के लिए भावांतर भुगतान योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की है।अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में किसानों द्वारा फसल बेची जाने पर सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा घोषित मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि भावांतर भुगतान योजना के तहत सीधे ही किसानों के खाते खातों में जमा की जाएगी। इस योजना के तहत खरीफ फसलें मसलन सोयाबीन, मूंगफली, तिल, मक्का, मूंग, उड़द व अरहर चिन्हित की गईं हैं।