राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर समाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू की द्वितीय शासी निकाय की बैठक में कहा कि अनुसूचित जाति,जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग सहित सभी वर्गों को साथ लेकर ही हम सही मायने में विकास कर सकते हैं। प्रधानमंत्री का सबका-साथ, सबका- विकास का नारा सभी वर्गों का विकास और देश की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें अनुसूचित जातियों, जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के उत्थान, शैक्षणिक विकास, कौशल विकास, सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। कौशल विकास द्वारा निचले स्तर तक के युवाओं की प्रतिभा को निखार कर स्वरोजगार के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब भीम राव अम्बेडकर के भावनानुसार विश्वविद्यालय को अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, महिलाओं एवं बच्चों के लिए सामाजिक न्याय, आर्थिक सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए। इन क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण, बालविवाह रोकने, छात्राओं के स्वास्थ की जांच कराने ,स्वच्छता अभियान तथा शौचालय बनाने के लिए जागरूकता लाने के लिए शिविर लगायें। राज्यपाल ने पर्यावरण, सतत विकास, महिला सशक्तिकरण, बाल सुरक्षा जैसे विषयों पर शोध एवं परियोजनाएं प्रारंभ करने के निर्देश दिये।
बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व शीलता कार्यक्रम के तहत किये जा रहे समुदायिक नेतृत्व एवं सतत विकास की विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री बी.आर. नायडू, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. एम मोहन राव प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण श्री एस.एन.मिश्रा और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.एच.एस. त्रिपाठी ने ऐजेन्डा प्रस्तुत किया।