ग्वालियर। वेतन न मिलने की वजह से ग्वालियर नगर निगम के आउटसोर्स कंपनी ईको ग्रीन के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों की सड़कों पर सोमवार की सुबह कचरा फेंक दिया है। हड़ताली कर्मचारियों ने निगम की डिपो से निकलने वाले वाहनों को भी रोकने की कोशिश की है। इसके बाद निगम अधिकारियों ने पुलिस को बुलाया तो हड़ताली कर्मचारी थाटीपुर और मुरार चले गए।

कर्मचारियों ने थाटीपुर, मुरार, कालपी ब्रिज रोड, गोले का मंदिर, उप नगर हजीरा सहित लश्कर के कई जगह कचरा सड़कों पर डाला है। उधर, हड़ताल और कचरा सड़कों पर फेंके जाने का मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय तक पहुंच गया है। सीएम के स्टॉफ ने कलेक्टर को फोन कर कर्मचारियों का वेतन भुगतान में देरी करने वाले अधिकारी और स्टॉफ पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।

सीएम ने पूछा कि वेतन देने में इतना विलंब क्यों हुआ? आप कमिश्नर हैं, शहर में स्वच्छता कायम रखना आपकी जिम्मेदारी है। लेकिन आपके सामने सड़कों को कचरा फेंका जा रहा है। यह सहन करने लायक नहीं है। सीएम बोले- अब बहुत हो गया। उन्होंने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से कहा- इनकी छुट्टी कर दो। मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगमों के कमिश्नरों से कहा है कि यह सुनिश्चित कर लें कि कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलना चाहिए।

वहीं, निगम के अधिकारियों का दावा है कि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खाते में 20 अक्टूबर से नवंबर 2020 तक का वेतन डाल दिया गया है। दिसंबर का वेतन जल्द दिया जाएगा। जबकि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों का कहना है कि जब तक तीन महीने 20 दिन का वेतन नहीं मिल जाता, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे। बहरहाल ग्वालियर में सोमवार सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का ये पाचवां दिन है।

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