देश की सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया को एक रणनीतिक जीत मिली है। एयर इंडिया इजरायल के लिए डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने जा रही है। इजरायल के पर्यटन मंत्रालय ने एयर इंडिया को इन उड़ानों के लिए एकमुश्त 750,000 यूरो देने की घोषणा की है। एयर इंडिया के विमान नई दिल्ली से तेल अवीव के लिए सीधी उड़ान भर सकेंगे।

इसमें सबसे खास बात यह है कि भारतीय एयरलाइंस को सऊदी अरब ने भी इजरायल जाने के लिए अपना हवाई क्षेत्र इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। जबकि पिछले 70 सालों से इजरायल जाने वाली कमर्शियल उड़ानों के लिए सऊदी अरब अपना हवाई रास्ता नहीं देता रहा है। दरअसल सऊदी अरब इजरायल को मान्यता नहीं देता है।

इसलिए वह पिछले 70 सालों से अपने उड़ान क्षेत्र पर इजरायल जाने वाले विमानों को रास्ता नहीं देता है। गौरतलब है कि इजरायल और सऊदी अरब दोनों ही अमेरिका के प्रमुख सहयोगी देशों में से हैं। लेकिन इन दोनों देशों के बीच ईरान से जुड़ी चिंताओं के चलते तनाव रहता है। अधिकारियों के अनुसार सऊदी अरब के अपने हवाई क्षेत्र में भारतीय एयरलाइंस एयर इंडिया को उड़ान भरने की अनुमति दी है।

इससे एयर लाइंस एक छोटा रास्ता लेकर अहमदाबाद, मस्कट, सऊदी अरब होते हुए अब तेल अवीव में अपने विमान उतार सकेगी। इस मार्ग से दो शहरों के बीच की दूरी तय करने में महज ढाई घंटे लगेंगे।

साथ ही ईंधन की भी भारी बचत होगी। फिलहाल मुंबई से तेल अवीव की उड़ान भरने वाली इजरायल की एलएआइ उड़ानों में सात घंटे का लंबा समय लगता है।

यह विमान लाल सागर से होते हुए अदन की खाड़ी से होकर तब भारत में प्रवेश करता है। ताकि सऊदी अरब, अफगानिस्तान, यूएई, ईरान व पाकिस्तान और अन्य ऐसे देशों से गुजरने से बचा जा सके। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता और इजरायली हवाई अड्डा प्राधिकरण ने बताया कि राष्ट्रीय एयरलाइंस ने अपने नियामक डीजीसीए से दिल्ली से तेल अवीव के लिए हफ्ते में तीन उड़ानों के लिए अनुमति मांगी है।

एयर लाइंस की एक महिला प्रवक्ता ने बताया कि यह विमान सेवा मार्च से शुरू होगी। एयर इंडिया के एक अन्य अधिकारी के अनुसार एयरलाइंस को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और तेल अवीव के बेन गुर्सियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अडड्े पर उड़ानों के लिए कई टाइम स्लॉट मिलने का इंतजार है।

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