भोपाल। प्रदेश के सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में 26 अक्टूबर से मतदान केन्द्रों की फुल चौकसी शुरू हो जाएंगी। कल से नौ राज्यों के केन्द्रीय सशस्त्र बल की 56  कंपनियां इन सभी चुनाव वाले क्षेत्रों में मोर्चा संभाल लेंगी। सभी 28 विधानसभा उपचुनाव वाले क्षेत्रों में पहले ही केन्द्रीय बल की एक-एक कंपनी तैनात की जा चुकी है। अब देश के विभिन्न राज्यों की 56 कंपनियों इस माह 26 अक्टूबर से उपचुनाव क्षेत्रों में फुल स्ट्रेन्थ के साथ मोर्चा संभाल लेंगी।

अन्य राज्यों की जो टुकड़ियां मध्यप्रदेश में चुनाव कराने आने वाली है उनमें राजस्थान सशस्त्र बल की दस, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की सात, तमिलनाडु सशस्त्र बल की छह, गुजरात सशस्त्र बल की 5, केरल सशस्त्र बल की चार, गोवा सशस्त्र बल की 4, तेलंगाना सशस्त्र बल की चार, महाराष्टÑ सशस्त्र बल की चार कंपनियां आएंगी। इसके अलावा एसएएफ की मध्यप्रदेश की बारह कंपनियां भी 26 अक्टूबर को विधानसभा क्षेत्रों में मोर्चा संभालेंगी।

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनावों में इस बार सुरक्षा बलों की कमी पूरी करने के लिए दूसरे जिलों में तैनात 4 हजार 815 पुलिस बल और 2 हजार 578 होमगार्ड सैनिकों को भी उपचुनाव वाले क्षेत्रों में मोबलाईज किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में पहले ही  सीआरपीएस की छह, बीएसफ की छह और सीआईएसएफ की दस कंपनियां और सशस्त्र सीमा बल की छह कंपनियां  विधानसभा क्षेत्रों में मोर्चा संभाल चुकी है। हर चुनाव क्षेत्र में केन्द्रीय बल की एक-एक कंपनी पहले से तैनात है।

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों के शहरी क्षेत्रों में 267 और ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार 832  मतदान केन्द्र संवेदनशील मतदान भवन है। इसी तरह प्रदेश में कुल 504 शहरी और 2 हजार 214 ग्रामीण क्षेत्रों में संवेदनशील मतदान केन्द्र है।  कुल 359 वलनरेबल हेमलेट क्षेत्र है। इन सभी क्षेत्रों में इन सभी केन्द्रीय बलों को तैनात किया जा रहा है। केन्द्रीय बलों की टुकड़ियां संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त कर अपनी उपस्थिति का अहसास कराएगी। किसी भी संवेदनशील घटना से निपटने के लिए इन केन्द्रीय बलों को असीमित पावर दिए गए है।

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