श्रीनगर | रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार उस हर किसी से बातचीत करने को तैयार है, जो उससे बातचीत करना चाहता है, लेकिन बातचीत देश के संविधान और संप्रभुता के दायरे में ही होगी। जम्मू एवं कश्मीर की अपनी दो दिवसीय यात्रा के समापन पर रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, “भारतीय संविधान और भारत की संप्रभुता के दायरे में वार्ता की इच्छा रखने वाले वाले किसी के साथ हम बातचीत के लिए तैयार हैं।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी इस यात्रा का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं यहां सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने आया हूं और इस दौरे का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।” उन्होंने उल्लेख किया, “सभी चर्चाओं के बाद मैं जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति से पूरी तरह आशान्वित हूं। लोकसभा का चुनाव शांतिपूर्ण रहा। पर्यटकों की यहां भरमार है।” उन्होंने कहा, “इस महीने के अंत में श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होगी। अनुमान है कि यह शांतिपूर्ण और सफल रहेगी। यहां जीवन शांतिपूर्ण तरीके से चले और चौतरफा विकास हो।” जेटली ने कहा, “मैंने नियंत्रण रेखा पर उरी सेक्टर में अग्रिम इलाकों का भी दौरा किया। मैंने यहां आज (रविवार को) एक बैठक में सुरक्षा की संपूर्ण समीक्षा की।” उन्होंने कहा, “जहां हमारे जवान सीमा की निगरानी कर रहे हैं वहां उनके बीच अच्छा तालमेल है। आतंकवादी या घुसपैठिए सीमा पार से आते हैं। मैंने सेना के साथ स्थिति पर चर्चा की है। हमारी सेना के पास इस प्रकार के घुसपैठ रोकने की पर्याप्त क्षमता है। सीमा पार से संघर्ष विराम का उल्लंघन होता है और उसका जवाब देने और देश की रक्षा करने के लिए हमारे जवान पूरी तरह लैस हैं।” जेटली ने कहा, “सुरक्षा बलों ने और राज्य सरकार ने मुद्दे उठाए हैं उस पर फैसला लिए जाने की जरूरत है।””मैंने राजपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात की है और दोनों से अलग-अलग बातचीत की है।”पाकिस्तान के साथ बातचीत और आपसी विश्वास बहाली के कदम के बारे में जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम उल्लंघन की घटना रोकना ही विश्वास बहाली का सबसे बड़ा कदम होगा।