नई दिल्ली ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि दो केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए पार्टी ने कहा कि वह 27 मई-दो जून तक इसके खिलाफ ‘जेल भरो’ आंदोलन चलाएगी। भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में चुनाव तथा नई सरकार के गठन के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नहीं रह गया है। संप्रग को स्वतंत्रता के बाद की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार देते हुए संसद के बजट सत्र की कार्यवाही नहीं चल पाने का ठीकरा उन्होंने संप्रग के सिर फोड़ा।
भाजपा अध्यक्ष ने हालांकि सीधे तौर प्रधानमंत्री का इस्तीफा नहीं मांगा, लेकिन उन्होंने कहा कि यदि मनमोहन सिंह आत्मनिरीक्षण करें तो उन्हें इस्तीफे के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नजर नहीं आएगा।
उन्होंने कहा, “दो मंत्रियों ने शुक्रवार को अपने पदों से इस्तीफे दे दिए। सवाल एक या दो मंत्रियों का नहीं है। जो कुछ भी हो रहा है, उसने पूरी प्रशासनिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़े कर दिया है।”
गौरतलब है कि दो केंद्रीय मंत्रियों- रेल मंत्री पवन कुमार बंसल तथा कानून मंत्री अश्विनी कुमार – ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जांच में हस्तक्षेप करने के मामलों में नाम आने के बाद शुक्रवार को अपने पदों से इस्तीफे दे दिए।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मनमोहन सिंह की सरकार को निशाना बनाते हुए राजनाथ ने कहा कि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “कोलगेट, रेलगेट, खेलगेट..।”
भाजपा नेता ने संप्रग पर आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा, अर्थव्यवस्था तथा कूटनीतिक मामलों में भी विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने संप्रग पर महंगाई को नियंत्रित करने, वित्तीय घाटा तथा चालू खाता घाटा को पाटने में विफल रहने के आरोप भी लगाए।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पार्टी सत्ता को खतरे में डालने के लिए तैयार थी, लेकिन यह भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेगी।
कर्नाटक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान पर उन्होंने कहा, “वह लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। वह सक्रिय भूमिका में होंगे।”
अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर राजनाथ ने कहा कि यह मामला फिलहाल अदालत में है।