मुरैना। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के मुरैना जिले के अंबाह थाने के ग्राम पीपरीपुरा में एक दलित परिवार की महिला की मौत होने पर उसे श्मसान ले जाने के लिए रास्ते के लिए गुहार सरपंच से लगाई, लेकिन उसने नहीं सुनी। श्मशान के रास्ते में दबंगों ने अतिक्रमण कर लिया है। दलित ने प्रशासन और पुलिस को भी इसकी सूचना दी। जब दलित पीडित परिवार की गुहार किसी ने नहीं सुनी तो परिजनों को सड़क पर ही महिला का अंतिम संस्कार करना पड़ा।
मुरैना जिले के गांव पीपरीपुरा के शीतल माहौर की पत्नी कंचनिया का कल निधन हो गया। परिजनों के सामने अंतिम संस्कार के लिए उसे श्मसान ले जाने की समस्या आ गई। गांव के श्मशान के रास्ते में दबंगों ने कब्जा कर रखा है। खासतौर से दलितों को यहां पर अपने परिजनों के अंतिम संस्कार से रोका जाता है। इसके चलते शीतल ने गांव के सरपंच केदार खटीक से कहा कि यदि वे रास्ता साफ करा दें तो पत्नी की अंतिम संस्कार हो सकेगा। सरपंच ने जबाव दिया कि रास्ता तो ऐसा ही रहेगा। जहां इच्छा हो, वहीं अंतिम संस्कार कर दो। शीतल ने कहा कि गांव में सड़क का काम हो रहा है, इसलिए जेसीबी मशीन से रास्ता साफ करा दो। इसके बाद सरपंच ने ध्यान नहीं दिया। शीतल ने पुलिस और इलाके के अफसरों से कहा। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। शीतल की पत्नी की डेड बॉडी 28 घंटे तक घर पर ही रही। अंत में शीतल ने अपनी पत्नी कंचनिया का अंतिम संस्कार गांव की सडक पर ही कर दिया।ऐसा है श्मशान क्षेत्र का अतिक्रमण
ग्राम पंचायत ने श्मशान के लिए जिस जमीन को आवंटित किया है उसके चारों ओर दबंगों के खेत हैं। कोई भी दबंग अपने खेत के रास्ते से गांव के कमजोर वर्ग के लोगों को वहां से निकलने की इजाजत नहीं देता। श्मशान की जमीन पर भी किसी ने गोबर के कंडे थाप दिए हैं तो किसी की करब आदि वहां रखी है। इस हाल में पीपरीपुरा गांव के लोग अपने परिवार के मृतक व्यक्ति का अंतिम संस्कार अपने-अपने खेत के एक कोने में करते आ रहे हैं। शीतल माहौर के पास जमीन कम है, जिसके कारण उसने गांव के श्मशान में पत्नी की अंत्येष्टि करने का मन बनाया लेकिन उसे श्मशान तक पहुंचने का रास्ता नहीं मिल सका।
अंबाह थाने के नगरनिरीक्षक जितेन्द्र नगाइच ने बताया कि पीपरीपुरा में श्मशान के रास्ते में अतिक्रमण की उन्हें जानकारी नहीं है। श्मशान रोड पर सडक निर्माण का कार्य चल रहा हैं। पीडित परिवार उनसे कोई शिकायत करने नहीं आया था। अंतिम संस्कार में कोई व्यवधान था तो उनको जानकारी होती तो उसे वे दूर कराते।

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