ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले की जनपद पंचायत मेहगांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव में शौचालय निर्माण बिना भुगतान का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी रोजगार सहायक अंकेश शर्मा को मेहगांव जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने पद से हटा दिया है। ग्राम रोजगार सहायक के फर्जीवाड़े के खिलाफ मेहगांव जनपद पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह भदौरिया ने शिकायत की थी। जनपद अध्यक्ष की शिकायत की जांच हुई तो साबित हुआ कि रोजगार सहायक ने बिना बने 10 शौचालय और 8 अधूरे शौचालय को निर्माण पूरा होना बताकर 1 लाख 68 हजार रुपए का भुगतान कर दिया था। फर्जीवाड़ा साबित होने पर सीईओ ने कार्रवाई की है।
भिण्ड जिले के मेहगांव जनपद पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह भदौरिया की शिकायत पर हुई जांच के बाद जिला पंचायत सीईओ सपना निगम ने ग्राम पंचायत धोरखा के रोजगार सहायक अंकेश शर्मा को नोटिस जारी किया था, जिसमें ग्राम रोजगार सहायक अंकेश शर्मा के लिए कहा गया शौचालय निर्माण का पूरा भुगतान पहले ही कर दिया गया, जबकि निर्माण हुआ नहीं है। नोटिस में सीईओ ने लिखा था कि हरि सिंह का शौचालय अधूरा बना है, लेकिन भुगतान पूरा हो चुका है। धन सिंह, राजकुमार शर्मा, कुलदीप शर्मा को भी गलत भुगतान कर दिया गया है। किशोरी बाई का शौचालय अधूरा बना मिला। काशीराम जाटव के शौचालय का सिर्फ गड्डा खुदा है। इसके अलावा 9 ऐसे हितग्राहियों को भुगतान कर दिया गया है, जिनके शौचालय बने ही नहीं हैं। पांच ऐसे लोगों को पूरा भुगतान किया गया, जिनके शौचालय निर्माण अभी अधूरा है। सीईओ ने नोटिस देकर 3 दिन में जवाब मांगा है। जवाब के बाद दोषी पाए जाने पर रोजगार सहायक की संविदा अवधि को समाप्त कर दिया जाएगा।
भिण्ड जिले के मेहगांव जनपद पंचायत के सीईओ की ओर से जारी आदेश में ग्राम रोजगार सहायक अंकेश शर्मा के लिए कहा गया है कि धारेखा गांव में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की जांच स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक कॉर्डिनेटर लोकेंद्र साहू से कराई गई थी। जांच में पाया गया कि 10 शौचालयों का भुगतान बिना निर्माण कर दिया गया और 8 शौचालय अधूरे बने होने पर भुगतान कर 1 लाख 68 हजार राशि का दुरुपयोग किया गया। जनपद पंचायत मेहगांव के सीईओ अतुल सक्सेना ने इसी आधार पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही की है।