भोपाल ! मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भारतीय छात्र संसद द्वारा आज महाराष्ट्र के पुणे में एक भव्य कार्यक्त्रम के दौरान आर्दश मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
स्वामी विवेकानंद और छत्रपति शिवाजी की मां जीजाबाई के जन्म दिवस पर इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस सहित पद्म विभूषण डॉ. रघुनाथ ए. मोलकर प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर सांसद एवं प्रसिद्ध उद्योगपति डॉ. अभय फिरोदिया सहित अनेक गणमान्य विभूतियों की मौजूदगी में पाँचवीं भारतीय छात्र संसद में आर्दश मुख्यमंत्री का पुरस्कार दिया गया।
श्री चौहान ने सम्मान के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री या सामाजिक जीवन में प्राप्त कोई भी पद दम्भ या अहंकार के लिये नहीं बल्कि देश और प्रदेश की सेवा के लिये होता है। मुख्यमंत्री नें बीमारू से आज विकसित हुए मध्यप्रदेश की कहानी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद उनके प्रेरणा-स्रोत हैं। सबको जीवन में संकल्प करना चाहिये कि कैसे मानव-जीवन में र्सवश्रेष्ठ करें।
उन्होंने कहा कि भारत मत-मतांतर का देश है किन्तु ऐसा राष्ट्र है जो सभी के सुखी निरोगी होने सबके मंगल-कल्याण की कामना करता है। वह यह भी मानता है कि चाहे जिस रास्ते पर चलो अंत में पहुँचोगे एक ही परमात्मा के द्वार पर। उन्होंने कहा कि यदि दुनिया में सभी इन आर्दशों को अपना लें तो सारे झगडे स्वमेव समाप्त हो जायेंगे। श्री चौहान ने कहा कि भारत इन्हीं आर्दशों के बल पर विश्व को मानवता का दिग्र्दशन करवायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जनता को आराध्य मानकर प्रदेश की सेवा की है। मध्यप्रदेश को मंदिर जनता को भगवान और अपने आप को इस मंदिर के पुजारी के रूप में स्वीकार किया है। श्री चौहान ने बताया कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश ने बीमारू राज्य से विकसित राज्य की ओर तेजी से कदम बढाये। आज विकास दर में देश का नम्बर एक राज्य है और कृषि विकास दर में तो देश ही नहीं विश्व में सबसे आगे है।
उन्होंने बताया कि उस समय 2900 मेगावाट बिजली का उत्पादन आज 12000 मेगावाट तक पहुँच गया है। जहाँ कभी-कभी बिजली आती थी आज वहीं 24 घंटे बिजली का चमत्कार हो रहा है। सिंचाई 7.5 लाख हेक्टेयर से बढकर 30 लाख हेक्टेयर हो गयी। मालवा को रेगिस्तान बनने से बचाने के लिये क्षिप्रा को नर्मदा से जोडने का चमत्कार भी मध्यप्रदेश में हुआ है। खेती को लाभ का धंधा बनाया गया है।
श्री चौहान की अपील पर छात्र संसद ने करतल ध्वनि से प्रस्ताव पारित किया कि संविधान में संशोधन कर पांच वर्ष में सभी स्तर के चुनाव एक साथ करवाये जायें। इसके साथ ही उन्होंने यह प्रस्ताव भी पारित करवाया कि महँगे चुनाव से बचत के लिये स्टेट फंडिंग की व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के ब्दों का उल्लेख करते हुए युवाओं से आव्हान किया कि उठो जागो और जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाये तब तक रुको नहीं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा कि वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को आर्दश मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं। वे महाराष्ट्र में भी वैसा ही शासन चलायेंगे जैसा मध्यप्रदेश में श्री चौहान चला रहे हैं। इसकी शुरूआत करते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश की तर्ज पर भ्रष्ट्राचारियों की सम्पत्ति जप्त करने का निर्णय लिया है