भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया आज तीन घंटे तक साथ रहे। हेलीकॉप्टर द्वारा भोपाल से राजगढ़ जाने के बीच दोनों ही नेताओं के बीच निगम मंडल में नियुक्तियों और भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने वाले सिंधिया समर्थक नामों पर चर्चा हुई। इस दौरान उनके साथ मंत्री गोपाल भार्गव भी रहे। इसके बाद सिंधिया दिल्ली जाने से पहले तीन घंटे तक भोपाल में बैठक में रहेंगे। इस दौरान वे बीजेपी दफ्तर जा सकते हैं और उनकी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से चर्चा हो सकती है।
शिवराज कैबिनेट के विस्तार के बाद प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा का इंतजार भाजपा नेताओं को है। इसके बाद जिलों की कार्यकारिणी भी घोषित होना है। अभी इसके लिए सीएम शिवराज के साथ संगठन के नेताओं की एक से दो दौर की बैठक होना है। इसके बाद ही कार्यकारिणी घोषित की जाएगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष सुहास भगत के बीच बैठक में नामों पर अंतिम सहमति बनने के लिए बैठक का इंतजार संगठन में स्थान पाने वाले दावेदारों को है।
सूत्रों का कहना है कि चूंकि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया संघ के सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी की दिवंगत माता कंचन सोनी को श्रद्धांजलि देने के बाद गुरुवार को तीन घंटे भोपाल में रहेंगे। इसलिए माना जा रहा है कि इस दौरान कार्यकारिणी में शामिल किए जाने वाले नामों पर चर्चा होगी। इसमें प्रदेश अध्यक्ष शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री भगत के अलावा सह संगठन मंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रह सकते हैं।
इसके पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत आधा दर्जन मंत्री आज राजगढ़ पहुंचे। इन सबने राजगढ़ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी की दिवंगत माता कंचन देवी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शिवराज-सिंधिया के अलावा मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट, अरविन्द भदौरिया, इंदर सिंह परमार के अलावा अन्य मंत्री भी राजगढ़ पहुंचे हैं। यहां उन्होंने कंचनदेवी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके पहले सिंधिया के भोपाल आने पर मंत्री गोविन्द राजपूत, प्रभुराम चौधरी, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ ने उनसे मुलाकात की।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि कार्यकारिणी में शामिल होने वाले नामों से ज्यादा पेंच निगम मंडल के अध्यक्ष उपाध्यक्ष के पदों को लेकर हैं। सिंधिया चाहते हैं कि इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया, एदल सिंह कंसाना समेत उनके समर्थकों का पुनर्वास हो। यह काम कार्यकारिणी से पहले हो जबकि सीएम फिलहाल निगम मंडल में नियुक्तियों को टाल रहे हैं। ऐसे में पार्टी में पहले से दावेदारी कर रहे नेताओं को भी इंतजार करना पड़ रहा है। अगर सिंधिया के साथ सहमति बनी तो पहले प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा हो सकती है अन्यथा यह मकर संक्रांति पर्व तक बैठकों के बहाने टलती रहेगी।