भोपाल। राज्य सरकार ने आज 56 निजी विद्यालयों को सरकारी करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। जनसंपर्क मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि इन विद्यालयों को नगरीय निकायों एवं पंचायतों द्वारा अधिगृहित किया जाएगा, जिससे 1660 लोगों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि यह वे निजी स्कूल है जो 2002 के अधिनियम की पूरी तरह पूर्ति करते हों। उन्होंने बताया आज राज्य मंत्री मण्डल ने दतिया में खुलने जा रहे मेडीकल कालेज के लिए 65 करोड़ 87 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। जिससे उपकरण, वाहन, फर्नीचर एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदी की जाएगी। इसी तरह 1085 पदों को भी सृजित करने का भी प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। जिसमें तीन सौ से अधिक पदों को आउट सोर्सिंग के माध्यम से भरा जाएगा।
गांव गांव लगेंगे स्वास्थ्य शिविर
श्री मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट के दौरान मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि जल्द ही प्रदेश के गांव – गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। जिसमें प्रदेश के अलावा दिल्ली सहित अन्य स्थानों से भी विशेषज्ञ चिकित्सकों को इलाज देने के लिए बुलाया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने एनटीपीसी द्वारा सुवासरा जिला मंदसौर में प्रस्तावित 250 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना सेबिजली खरीदी को लेकर भी आए प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है।
जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कैशलेस व्यवस्था हर विभाग में लागू करने को लेकर लंबी चर्चा हुई। मंत्रियो से कहां गया कि वह प्रयास करे कि उनके विभाग में अधिक से अधिक डिजीटल ट्रांन्जेक्शन हो ।इस संबंध में वित्त मंत्री जयंत मलैया की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी किया गया।यह समिति विचार करेगी की हर विभाग मे केशलेस काम कैसे हो । बैठक में रातिबढ़ के उस गांव का भी जिक्र किया गया जहां एक बैंक ने गांव को लेकर उसे कैसलेस बनाने के लिए उसे गोद लिया है।बैठक में इस तरह अन्य गांवो को भी बैंक गोद ले यह अनुरोध करने का भी फैसला लिया गया।
श्री मिश्रा ने बताया कि आज नर्मदा यात्रा के नौ दिन पूरे हो गए हैँ। नौ में से पांच दिन5 की यात्रा में पांच दिन मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि इस अवधि में दो जिलों में यह यात्रा पूरी हो गई है। यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोगों द्वारा वचनपत्र भरे गए हैँ।यात्रा के दौरान नर्मदा किनारे फलदार पौधे भी लगाए जा रहे है।