ग्वालियर । बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ साथ स्वच्छता के संस्कार देने का कार्य शिक्षकों को करना है तथा शिक्षकों व विद्यार्थियों को मिलकर शहर में स्वच्छता की अलख जगाना है, क्योंकि आमलोगों को व बच्चों को जागरुक करने एवं स्वच्छता का संदेश देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक ही निभा सकतें हैं।
उक्ताशय के विचार बुधवार को निगमायुक्त श्री विनोद शर्मा ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के तहत शिक्षकों के लिए आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किए। इस अवसर पर अपर आयुक्त आर के श्रीवास्तव, स्वच्छता अभियान के ब्रांड एम्बेस्डर डाॅ एम एल दौलतानी, जिला शिक्षा अधिकारी, एवं अधीक्षण यंत्री प्रदीप चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी एवं शहर के 265 शासकीय प्राइमरी एवं मिडिल विद्यालयों के लगभग 500 से अधिक शिक्षक एवं शिक्षकाएं उपस्थित रहे।
बालभवन के आॅडोटोरियम में आयोजित कार्यशाला में निगमायुक्त विनोद शर्मा ने शिक्षकों को स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के संबंध में पूर्ण जानकारी दी। निगमायुक्त ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण की प्रतियोगिता में इस बार ग्वालियर को नंबर 1 आना है इसके लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा तभी हम स्वच्छता मिशन में सर्वश्रेष्ठ बन पायेंगे। निगमायुक्त ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शहर के विद्यालयों का भी मूल्यांकन किया जायेगा, जिसमें शासकीय विद्यालयों एवं अशासकीय विद्यालयों का अलग-अलग मूल्यांकन कर उनके स्वच्छता एवं नवाचार के आधार पर सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों का चयन कर उन्हें पुरूस्कृत किया जायेगा।
निगमायुक्त ने बताया कि सभी शिक्षकों को आज यह संकल्प लेना चाहिये कि वह अपना विद्यालय स्वच्छता में सर्वश्रेष्ठ बनायेंगे, यदि सभी ने इसी संकल्प को साकार किया तो सारे विद्यालय स्वच्छ हो जायेंगे। विद्यालयों को स्वच्छता सर्वेक्षण के मूल्यांकन के लिये जिस आधार पर कार्य करना है उसका एक फोरमेट तैयार किया गया है जो कि सभी शिक्षकों को एक सप्ताह में भरकर देना है। इसके तहत सभी शिक्षकों को अपने-अपने विद्यालय में एक स्वच्छता समिति का गठन करना है जिसमें अध्यापकों के साथ ही विद्यार्थी भी प्रमुखतः से शामिल रहेंगे। इसके साथ ही विद्यालय परिसर में साफ-सफाई हरियाली एवं नया क्या किया जा रहा है इसको लेकर सभी विद्यालय कार्य करेंगे। सभी शिक्षक क्लीन स्कूल ग्रीन स्कूल के नारे को लेकर कार्य करें तथा विद्यार्थियों की सफाई की कक्षा के साथ ही श्रमदान की कक्षा भी लगायें एवं उन्हें स्वच्छता के लिये प्रेरित करें तथा बच्चे स्कूल से जाकर अपने घर एवं मौहल्ले में भी लोगों को स्वच्छता के लिये प्रेरित करें।
निगमायुक्त ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले वर्ष 500 शहरों का सर्वेक्षण हुआ जिसमें म0प्र0 का इंदौर प्रथम एवं भोपाल द्वितीय नंबर पर रहा तथा ग्वालियर को 27 वां नंबर प्राप्त हुआ। अब हम सबका मिलकर यह प्रयास रहेगा कि ग्वालियर को स्वच्छता में नंबर वन शहर बनाना है तथा इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण देश की 4014 निकायों में किया जा रहा है इसलिये यह चुनौती हम सबके लिये बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन असंभव नहीं, अगर हम सब ग्वालियर को नंबर वन स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प ले लें तो यह संकल्प आवश्यक रूप से पूर्ण कर लेंगे।