भोपाल । जिस तरह पुलिस मुख्यालय में कार्यरत लिपिक यानि बाबू खाकी वर्दी पहनकर कार्य करते हैं। उसी तरह आगामी समय में प्रदेश के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में कार्यरत बाबू भी खाकी वर्दी पहनकर काम कर सकेंगे। परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव ने अनुमति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। जिसे जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। शासन से अनुमति मिलने के बाद विभाग बाबुओं को खाकी वर्दी आवंटित भी कर सकता है। यदि अनुमति मिलती है तो भोपाल आरटीओ के 31 बाबू और प्रदेश के सभी जिलों के आरटीओ के करीब एक हजार बाबू खाकी वर्दी में नजर आएंगे।

दरअसल, हाल ही में संभागीय परिवहन समिति भोपाल के अध्यक्ष श्याम यादव के नेतृत्व में आरटीओ के बाबुओं ने परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में पुलिस के समान खाकी वर्दी पहनने के अनुमति व वर्दी आवंटित करने की मांग की गई थी। साथ ही 15 साल से ज्यादा पुराने सहायक ग्रेड-2 और 3 के बाबुओं को वरिष्ठता के हिसाब से पुलिस के समान स्टार सितारे लगाने की अनुमति देने की गुहार लगाई है।

बता दें कि कई बार बाबुओं की ड्यूटी फील्ड पर लगा दी जाती है, ऐसी स्थिति में कोई यूनिफार्म न होने से उन्हें कार्रवाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। खादी वर्दी पहनने की अनुमति मिलने से उन्हें खुद की पहचान बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी और कार्रवाई करना आसान होगा।

यूपी व महाराष्ट्र में आरटीओ के बाबू पहनते हैं खाकी वर्दी –

संभागीय परिवहन समिति के अध्यक्ष श्याम बाबू ने बताया कि यूपी व महाराष्ट्र में आरटीओ के बाबू खाकी वर्दी पहनते हैं। जिससे वाहन चेकिंग के दौरान उन्हें परेशानी नहीं आती। भोपाल समेत मप्र के सभी जिलों के आरटीओ बाबुओं को खाकी वर्दी पहनने की अनुमति देने की मांग परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह, परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंप कर की गई है।

स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा है –

आरटीओ के बाबुओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने कुछ दिन पहले ज्ञापन सौंपा था। जिसमें बाबुओं को पुलिस के समान खाकी वर्दी देने की अनुमति देने की मांग की गई थी। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। यदि स्वीकृति मिलती है तो बाबू खाकी वर्दी पहन सकेंगे।

-डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव, परिवहन आयुक्त

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