ग्वालियर । शासकीय भूमि को भू-माफियाओं से बचाने के उद्देश्य से जिले में चलाए जा रहे विशेष अभियान की कड़ी में कलेक्टर राहुल जैन ने जिले के सभी नोटरी एजेन्टों पर नजर रखने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि शासकीय भूमि की फर्जी तरीके से नोटरी करते पाए जाने पर नोटरी एजेन्ट का लायसेंस निरस्त किया जाएगा। साथ ही उसे भी भू-माफिया के साथ सह आरोपी बनाया जायेगा। उन्होंने यह निर्देश शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई राजस्व प्रकरणों की समीक्षा बैठक में दिए।
बैठक में अपर कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव सहित सभी एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार उपस्थित थे। कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि ग्वालियर जिले में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने और उसे फर्जी तरीके से विक्रय की शिकायतें लगातार प्राप्त होती रहती हैं। भू-माफियाओं की नजर सरकारी भूमि पर बनी रहती है। इसलिये राजस्व अधिकारी व मैदानी अमला विशेष रूप से क्षेत्र में सक्रिय रहें। जिन भूमियों को भू-माफियाओं से मुक्त कराया जाता है, उनका वैकल्पिक प्लान तुरंत तैयार कराया जाए और आवश्यकता वाले विभागों को पुनर्वंटित किया जाए।
जैन ने कहा कि अरबन सीलिंग एक्ट के तहत चिन्हित भूमियों का उपयोग भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि भू-माफियाओं द्वारा शासकीय भूमि पर स्वयं का अवैध कब्जा दर्शाकर गरीब और छोटे तबके के लोगों को नोटरी के माध्यम से भूमि का विक्रय कर दिया जाता है। इस तरह के कार्य में नोटरी करने वाले संबंधित एजेन्ट पर भी जवाबदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिये राजस्व अधिकारी अपने-अपने कार्य क्षेत्र अंतर्गत अभियान चलाकर फर्जी नोटरी करने वालों की धर-पकड़ करें। उन्होंने स्टोन पार्क के समीप किए जा रहे अवैध कब्जे पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गत दिवस स्टोन पार्क भ्रमण के दौरान उन्होंने स्वयं ने पाया कि लोगों द्वारा अवैध निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जो एक गंभीर कृत्य है। उन्होंने संबंधित तहसीलदार कुबेर सिंह भदौरिया को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

सिरोल क्षेत्र के पीड़ितों को वापस कराए 60 लाख
कलेक्टर राहुल जैन ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा सिरोल क्षेत्र की लगभग 7 हैक्टेयर भूमि को एसडीएम महिप तेजस्वी और उनकी टीम द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था। जिसमें भू-माफियाओं द्वारा नोटरी के माध्यम से गरीब लोगों को जमीन की रजिस्ट्री की गई थी। जिला प्रशासन द्वारा इसको संज्ञान में लेते हुए न केवल उक्त भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया, बल्कि भू-माफियाओं से लगभग 60 लाख रूपए की राशि गरीब परिवारों को वापस करवाई। उन्होंने अन्य राजस्व अधिकारियों से भी इस आशय की कार्रवाई करने की अपेक्षा की।

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