ग्वालियर । कलेक्टर राहुल जैन ने कहा है कि रियल एस्टेट रेग्यूलरिटी एक्ट के अंतर्गत सभी शासकीय और अशासकीय निर्माण एजेन्सियों को अपने प्रोजेक्टों का पंजीयन कराना अनिवार्य है। इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई 2017 निर्धारित की गई है। उन्होंने यह निर्देश नगर निगम, जीडीए, हाउसिंग बोर्ड व साडा के हाउसिंग प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान दिए।
कलेक्टर जैन ने कहा कि रियल एस्टेट एक्टिविटीज को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा लागू किया गया रियल एस्टेट रेग्यूलरिटी एक्ट एक मई 2017 से सम्पूर्ण देश में प्रभावी हो गया है। इसी क्रम में बिल्डर और उपभोक्ता के हितों के संरक्षण के लिये मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रियल एस्टेट रेग्यूलरिटी अथॉरिटी) का गठन किया गया है। एक्ट के प्रावधानों के अनुसार अब बिल्डर उपभोक्ता को वही सब सामग्री और सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये बाध्य होगा जो उसके द्वारा अपने विज्ञापन और प्रचार सामग्री में प्रदर्शित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि जिले के ऐसे सभी प्रोजेक्ट जो शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में 500 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में निर्मित किए जा रहे हैं या जिनमें 8 से अधिक यूनिट बनाई जानी हैं वे इस कानून के दायरे में आयेंगे। रेरा कानून के अनुसार सम्पूर्ण प्रदेश में कहीं भी निर्माण कार्य करने वाली परियोजनाओं की मार्केटिंग से पूर्व रेरा की वेबसाइट पर संबंधित कंपनी को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। जो प्रोजेक्ट 30 अप्रैल 2017 की स्थिति में प्रगतिरत है उन्हें भी 31 जुलाई 2017 से पूर्व अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट पंजीकरण के लिये नाम मात्र की शुल्क निर्धारित की गई है। आवासीय प्रोजेक्ट में 10 रूपए प्रति वर्ग मीटर तथा गैर आवासीय में 20 रूपए प्रति वर्ग मीटर की शुल्क जमा करानी होगी। उन्होंने बताया कि रेरा के प्रावधानों के तहत सभी शासकीय और अशासकीय संस्थाओं को भी पंजीयन कराना आवश्यक है।

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