ग्वालियर । शासकीय दफ्तरों के शौचालयों का ऑडिट कराया जायेगा। शौचालय साफ-सुथरे न मिलने पर संबंधित कार्यालय प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। साथ ही जिन कार्यालयों के शौचालय साफ-सुथरे मिलेंगे, उन कार्यालय प्रमुखों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित कराया जायेगा। यह बात कलेक्टर राहुल जैन ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कही। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने कार्यालयों के शौचालय 15 दिन के भीतर दुरूस्त कर लें।
सोमवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर ने जल्द से जल्द जिले का विजन डॉक्यूमेंट (दृष्टि पत्र) तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए विजन डॉक्यूमेंट एवं विकेन्द्रीयकृत योजना के आधार पर वर्ष 2022 तक के लिये जिले का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया जाना है। इसमें वर्षवार लक्ष्य एवं उनकी पूर्ति का प्लान भी समाहित रहेगा। इसलिये विभागीय अधिकारी जल्द से जल्द कलेक्ट्रेट में अपने-अपने विभाग की जानकारी भेजें। श्री जैन ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप सभी जरूरतमंदों को आवास, कृषि आय दोगुना करना एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवायें से लेकर विभिन्न विभागों के विषय शामिल हैं।
बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान, एडीएम शिवराज वर्मा, औद्योगिक अधोसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक सतेन्द्र सिंह व जीडीए के सीइईओ सुरेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
आधार फीडिंग नहीं कराया तो एक सितम्बर से नहीं मिलेगा खाद्यान्न
कलेक्टर राहुल जैन ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर शेष पात्र हितग्राहियों का आधार नम्बर जल्द से जल्द फीड कराने पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े सभी पात्र हितग्राहियों को भी साफ तौर पर बता दें कि यदि आधार फीडिंग नहीं कराई तो उन्हें एक सितम्बर से उचित मूल्य की दुकान से खाद्यान्न नहीं मिल पायेगा। जैन ने प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक एवं नगर निगम के अधिकारियों को हिदायत दी कि वे आपसी समन्वय बनाकर शेष हितग्राहियों की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर आधार फीडिंग कराएँ।
हर पंचायत में खोलें रोजगारमूलक काम
कलेक्टर ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि अल्प वर्षा के मद्देनजर हर गांव में मनरेगा (महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत रोजगारमूलक काम खोले जाएँ, जिससे जरूरतमंदों को गांव में ही रोजगार मिल सके। उन्होंने सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को हिदायत दी कि इस काम में किसी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी मनरेगा को भी निर्देश दिए कि लेबर बजट के अनुसार जरूरतमंद खेतीहर श्रमिकों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिलायें।