भिण्ड। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा जिस तरह परतंत्रता की बेडियां काटने के लिए वीर सपूत हॅंसते-हॅंसते फॉंसी के फंदे पर झूल गए थे, उसी तरह आजादी के बाद देश की रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा के लिए हजारों रण-बॉंकुरो ने शहादत दी है। इन शहीदों का राष्ट्र पर कर्ज है। हम मध्यप्रदेश में ऐसी परंपरा डालेंगे, जिससे शहादत को नमन् कर और शहीदों के परिजनों व वीर नारियों का सम्मान कर इस कर्ज को कम कर सकें। चौहान आज शौर्य एवं बलिदान की धरा चंबल अंचल के भिण्ड शहर में आयोजित हुए शहीद सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा हम सबका नैतिक दायित्व हैं कि शहीदों को नमन् कर राष्ट्र का कर्ज उतारे।
भिण्ड के निराला रंग बिहार प्रांगण में आयोजित हुए इस गरिमामयी समारोह में जिले के 119 शहीदो की वीर नारियों एवं उनके परिजनो को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने मंच से इनमें से 70 से अधिक वीर नारियों एवं शहीदो के परिजनों को शॉल श्रीफल, सम्मान-पत्र एवं उपहार भेंट कर सम्मानित किया। वीर भोग्या वसुंधरा का चंबल अंचल वो भू-भाग है, जहाँ के जांबाज सबसे ज्यादा शहीद हुए हैं। चंबल संभाग के भिण्ड जिले में शहीदों की संख्या सर्वाधिक है। इसीलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं भिण्ड के समारोह में शहीदों के परिजनों का सम्मान करने पहुंचे। प्रदेश के अन्य जिला मुख्यालयों पर केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के मंत्रिगण व अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सम्मान समारोह आयोजित हुए।
शहीद सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे जवान कडकडाती सर्दी, भीषण गर्मी और तेज बारिश व भू-स्खलन की चिंता किए बगैर सीमा पर डटे रहते हैं। तभी यहां हम चैन की नींद लेते हैं और सावन, दिवाली व होली इत्यादि त्यौहार मना पाते हैं। शहीदों का स्मरण कर हम कोई उन पर उपकार नहीं करते, बल्कि राष्ट्र पर चढे उनके कर्ज को उतारने का प्रयास भर करते हैं। चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर साल स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले शहीद सम्मान दिवस मनाने का फैसला लिया हैं। साथ ही मार्ग, चौराहा एवं अन्य सार्वजनिक स्थलो का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाएगा। स्कूलों व सार्वजनिक स्थलों पर शहीदों की प्रतिमा लगाई जाएगी। जिन शिक्षण संस्थाओं में शहीद पढें थे, उनकी शौर्य गाथाएॅं प्रदर्शित कराई जाए, जिससे युवा पीढी में देश भक्ति का जज्बा पनपे और शहीदों का स्मरण भी होता रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद सीमा की रक्षा, आतंकबाद, नक्शलबाद आदि कार्रवाई के दौरान देश के 30 हजार जवानों ने शहादत दी हैं। अकेले मध्यप्रदेश में 602 शहीदों को अब तक सूचीबद्व किया जा चुका हैं। इनमें भिण्ड, मुरैना व ग्वालियर जिले के शहीदों की संख्या सर्वाधिक हैं।
सामान्य प्रशासन एवं नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लालसिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शहादत दिवस मनाने का निर्णय लेकर सैनिको का मनोबल बढाने और शहीदों के सम्मान के लिए सराहनीय पहल की हैं। उन्होंने भिण्ड में आयोजित हुए पहले शहीद सम्मान समारोह में शिरकत करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति चंबल वासियों की ओर से धन्यवाद जाहिर किया।
क्षेत्रीय सांसद डॉ भागीरथ प्रसाद ने कहा कि चंबल की धरा वीरो की भूमि हैं। मुख्यमंत्री ऐसे पहले जन नायक है, जो समारोह पूर्वक शहादत का नमन् करने भिण्ड की धरती पर पधारे। डॉ प्रसाद ने भिण्ड जिले में सैनिक स्कूल की सौगात देने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति धन्यावाद जाहिर किया।
स्थानीय विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सुनियोजित विकास के साथ-साथ चंबल की धरा को डकैतो से मुक्ति दिलाई हैं। साथ ही शहीद सम्मान दिवस आयोजित कर सराहनीय पहल भी की हैं। कर्नल भारत सिंह यादव ने समारोह का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
आरंभ में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन हुआ। इससे पहले देश भक्ति से ओतप्रोत कवि सम्मेलन भी हुआ। स्कूली बच्चों ने देश भक्ति के गीत प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर घोषणा की कि शहीदों को दी जाने वाली एक करोड रूपए की सम्मान निधि में से शहीद के माता-पिता को भी हिस्सा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सम्मान निधि की 60 प्रतिशत राशि शहीद के वैधानिक वारिश को और 40 प्रतिशत राशि शहीद के माता-पिता को दी जाएगी, जिससे वे सम्मानपूर्वक अपना जीवन जी सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के माता-पिता के जीवन यापन के लिए मध्यप्रदेश सरकार 5 हजार रूपए प्रति माह पेंशन भी देगी। साथ ही शहीद के वारिस को नौकरी एवं शहर में फ्लेट अथवा आवासीय प्लॉट भी सरकार द्वारा दिया जाएगा।
संबल योजना के तहत बांटी अनुग्रह राशि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के तहत 8 हितग्राहियों को अनुग्रह राशि के चैक सौंपे। संबल योजना में पंजीकृत श्रमिको की मृत्यु पर 2-2 लाख रूपए उनके परिजनों को दी जाती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद का सम्मान किए जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आज प्रदेशभर में शहीद सम्मान दिवस मनाया जा रहा हैं। इसलिए आज केवल शहीदों के परिजनों व वीर नारियों का सम्मान किया जाए।
समारोह में सामान्य प्रशासन एवं नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लालसिंह आर्य, क्षेत्रीय सांसद डॉ भागीरथ प्रसाद, भिण्ड विधायक श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह, विधायक मेहगांव चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी, राज्य बीज निगम के उपाध्यक्ष श्री मुन्नासिंह भदौरिया, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री केपी सिंह भदौरिया, पूर्व विधायक सर्वश्री रसाल सिंह व राकेश शुक्ला, तथा सर्वश्री संजीव कांकर, जय सिंह कुशवाह, अवधेश सिंह कुशवाह, शैलेन्द्र बरूआ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं राज्य के मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री ऋषिकुमार शुक्ला, मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण बोर्ड के निर्देशक बिग्रेडियर आरएस नौटियाल, चंबल संभाग आयुक्त एमके अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता व पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस सहित अन्य संबंधित अधिकारी, शहीदो के परिजन और बडी संख्या में नागरिक मौजूद थे।

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