भोपाल ! मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को चार और प्राथमिकी दर्ज की। इनमें से तीन प्राथमिकी पीएमटी में हुई गड़बड़ी और एक सूबेदार, उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) व कंपनी कमांडर भर्ती परीक्षा को लेकर है। इन मामलों में 58 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि मंगलवार को दर्ज प्राथमिकी में पहली प्राथमिकी पीएमटी 2009 को लेकर है, इसमें कुल 42 लोगों केा आरोपी बनाया गया है। दूसरी प्राथमिकी पीएमटी 2007, 2008, 2009 और 2010 को लेकर है। इसमें 10 आरोपी बनाए गए हैं। तीसरी प्राथमिकी पीएमटी 2008 की है। इसमें चार आरोपी है।
सीबीआई के अनुसार, चौथी प्राथमिकी सूबेदार, सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर भर्ती परीक्षा 2012 केा लेकर दर्ज की गई है। इस मामले में दो लोगों को आरोपी बनाया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी है। लगभग एक माह के दौरान सीबीआई ने विभिन्न मामलों के प्राथमिकी दर्ज किए जाने के साथ पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओ.पी. शुक्ला, राजभवन के ओएसडी रहे धनराज यादव, व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक रहे पंकज त्रिवेदी, कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन महेंद्रा, सहित अनेक प्रमुख लोगों को आरोपी बनाया है। वहीं इस मामले से जुड़े कई लोगों की मौत की भी जांच कर रही है।